डाॅ. अरुण कुकसाल प्रेमचंद, गोर्की और लू शुन तीन महान साहित्यकार, कलाकार और चिंतक। जीवनभर अभावों में रहते हुए अध्ययन, मनन, चिन्तन और लेखन के जरिए बीसवीं सदी के विश्व-साहित्य के युगनायक बने। ए... Read more
प्रियदर्शन वरिष्ठ पत्रकार हिंदी से तमिलनाडु का झगड़ा पुराना रहा है. कहते हैं, 1928 में मोतीलाल नेहरू ने हिंदी को भारत में सरकारी कामकाज की भाषा बनाने का प्रस्ताव रखा तो तमिल नेताओं ने विरोध... Read more
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