इन्द्रेश मैखुरी रंगीली बिंदी घागर काई धोती लाल किनर वाई आई-हाई-हाई रे मिजाता होई-होई-होई रे मिजाता लहराता हुआ सा सुरीला गीत कानों में पड़ा. यह नब्बे के दशक का उत्तरार्द्ध था. रामनगर मे... Read more
अरुण कुकसाल लोक के चितेरे जनकवि हीरा सिंह राणा जी ‘मनिला डांडे की देवी आज बहुत उदास है’ लस्का कमर बांधा, हिम्मत का साथा, फिर भोला उज्याला होली, कां रोली राता 12 नवम्बर, 2... Read more
प्रमोद साह 16 सितंबर 1942 को ग्राम डंढोली, मनीला निकट भातरोजखन जनपद अल्मोड़ा में जन्म लेने के बाद हीरा सिंह राणा का बचपन और जवानी का संघर्ष एक आम पहाड़ी नौजवान का संघर्ष ही था ।. जो विद्यालय... Read more
देवेश जोशी बचपन की सबसे सुरीली यादों में से एक का नाम है हीरा सिहं राणा। वो बचपन जिसे कुमाउंनी और गढ़वाली में भेद मालूम न था। और वो बचपन जिसमें खेल-खिलौने, पिक्चर-सर्कस के बीच गीतों के लिए बह... Read more