जयप्रकाश पंवार ‘जेपी’ पिछले साल से उत्तराखंडी फिल्मों का एक नया दौर शुरू हुआ है, खासकर गढ़वाली फ़िल्में जो कभी सीडी, डीवीडी और लाइव स्ट्रीमिंग चैनल, ओटीटी पर थी अब मल्टीप्लेक्स और सिनेमा घरों... Read more
उमेश तिवारी विश्वास कुछ खटकता तो है पहलू में मिरे रह रह कर अब ख़ुदा जाने तिरी याद है या दिल मेरा। (जिगर मुरादाबादी) इस दस्तक को सुनकर आख़िर एक शख्स बरास्ते आसम... Read more
हिमांशु जोशी ओटीटी प्लेटफॉर्मों के आने के बाद से हजारों सपनों को पंख लगे हैं, ओटीटी के जरिए सालों से बस विचारों तक ही सीमित कहानियों को अब मंच मिलने लगा है। ‘समोसा एंड सन्स’ फिल्... Read more