देश लगातार नाकामयाबियों, बल्कि विघटन की ओर जा रहा है और हम देशवासी हैं कि चैन की वंशी बजा रहे हैं। ऐसा क्यों ? ऐसा इसलिये क्योंकि हमारे दिमाग में यह भर दिया गया है कि जो कुछ हो रहा है, वह सब... Read more
जनसंख्या का अधिकांश हिस्सा इन दिनों जान पड़ता है कि सम्मोहन के असर में है और साथ ही इश्क में भी मुब्तिला है। सम्मोहित आदमी वही महसूस करता है जो उसे करवाया जाता है। क्योंकि सम्मोहनकर्ता का यही... Read more