इस्लाम हुसैन
देश और उत्तराखंड में राज्य की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए एक व्यापक मुद्दों को छूते हुए 8 मई से एक सद्भावना यात्रा निकालने का निर्णय लिया गया है। गांधीजनों का यह निर्णय पिछले दिनों राज्य के दोनों डिवीजन कुमाऊं और गढ़वाल मण्डलों के मध्य में ग्वालदम के पास एक गांव में समाज सेवकों और संगठनों की एक बैठक के बाद हुआ है।
बैठक में उपस्थित उत्तराखंड सद्भावना मण्डल, आर जी एफ, उत्तराखंड सर्वोदय मण्डल, काफल कृषक कम्पनी,और समता आंदोलन के प्रतिनिधियों ने यह तय किया कि यह यात्रा संयुक्त नेतृत्व में निकाली जाए। यात्रा के दौरान समाज में जातिगत और धार्मिक सद्भावना सहिष्णुता के मूल्यों का प्रचार प्रसार करने के साथ साथ प्राकृतिक संसाधनों के सदुपयोग,पर्यावरण व रोजगार के मुद्दों पर भी जागरूकता बढ़ाने के साथ जनमत तैयार करने का काम भी किया जाएगा। इसके अलावा सद्भावना यात्रा में एक और महत्वपूर्ण कार्य उत्तराखंड की विरासत और स्थानीय नायकों की स्मृतियों को सहेजने और उनके मूल्यों के प्रचार प्रसार करने का भी होगा।
यह सद्भावना यात्रा राज्य के प्रत्येक दूरस्थ अंचलों में पहुंचेगी और वहां स्थानीय निवासियों से संवाद स्थापित करके उनके बीच आपसी सदभाव और समन्वय बढ़ाने में मदद करेगी।
इस सद्भावना यात्रा की तैयारी बैठक में वक्ताओं ने राज्य और देश की वर्तमान परिस्थितियों पर विचार प्रकट करते हुए, इस पर तुरंत सामाजिक हस्तक्षेप की आवश्यकता पर जोर दिया। वक्ताओं का कहना था कि विकास और पर्यावरण के मुद्दों पर आम जनता ध्यान भटकाने के लिए जानबूझकर धार्मिक और आपसी विवाद और विद्वेष को बढ़ाया जा रहा है, जबकि हर विवाद का हल आपसी बातचीत, और सद्भाव से हो सकता है। वक्ताओं का कहना था कि उत्तराखंड राज्य में सदियों से सामाजिक व धार्मिक सद्भाव की परम्परा रही है। जो भी तात्कालिक सामाजिक मुद्दे हैं उनपर आपसी विचार विमर्श किया जाना चाहिए। जातिगत और धार्मिक दुराग्रह को छोड़ें बिना समाज में शांति और सद्भाव नहीं आ सकता और ना ही विकास और पर्यावरण के जटिल चिन्ताओं का समाधान हो सकेगा।
40 दिन की इस सद्भावना यात्रा का शुभारंभ प्रमुख व्यापारिक शहर हल्द्वानी में 8 मई को किया जाएगा। आयोजक मण्डल यह प्रयास कर रहा है कि हल्द्वानी में सद्भावना यात्रा के शुभारंभ के समय समाज सेवकों, पत्रकारों, पर्यावरण कार्यकर्ताओं के बीच सद्भावना यात्रा के लिए व्यापक सहमति बनाकर यात्रा आरम्भ की जाए।
जहां से यह उत्तराखंड के हर हिस्से में जाएगी। हल्द्वानी से चलकर यह यात्रा नैनीताल रामगढ़ चम्पावत, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, कौसानी द्वाराहाट गैरसैंण होते हुए गढ़वाल के इलाके में जाएगी। गढ़वाल क्षेत्र के विभिन्न जिलों और महत्वपूर्ण स्थानों से होते हुए यात्रा विकासनगर तक पहला चरण पूरा करेगी।
इस तरह यह सद्भावना यात्रा उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों से लेकर तराई और मैदानी इलाकों में जाएगी। प्रयास यह है कि यात्रा के प्रथम चरण में उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में बरसात से पहले यात्रा पूरी कर ली जाए, ताकि वर्षाकाल में प्राकृतिक आपदा से यात्रा में कोई रुकावट नहीं आए, बाद में दूसरे चरण में तराई के क्षेत्रों की यात्रा पूरी की जाए।
सद्भावना यात्रा में जगह जगह लोगों के साथ आपसी संवाद, गोष्ठी और सभाएं करके समाज में सद्भाव और समरसता बढ़ाने का काम किया जाएगा। स्थानीय स्तर पर सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ताओं को अपनी बात कहने के लिए यह सद्भावना यात्रा एक मंच भी प्रदान करेगी। यात्रा के दौरान गांधी विनोबा साहित्य का तथा स्थानीय लेखकों सहित्यकारों कि समन्वयवादी साहित्य का प्रदर्शन भी किया जाएगा। यह भी प्रयास किया जाएगा कि सद्भावना यात्रा उत्तराखंड के जिस हिस्से में पहुंचे वहां वहां से जुड़े नायकों के काम को जनता के सामने लाया जाए और उन्हें सम्मानित किया जाए। यात्रा का समापन 20 जून को देहरादून में समारोह पूर्वक किए जाने का प्रस्ताव है।
1 Comments
बटरोही
बहुत सराहनीय कदम। शुभकामनाएँ।