अतुल सती
सर्वोच्च न्यायालय का बहुप्रतीक्षित फैसला आखिर आ ही गया है । फैसले की विस्तृत जानकारी अभी तक नहीं है किंतु, फैसले में सड़क की चौड़ाई को 10 मीटर किये जाने का आदेश है यह तय है। पर्यावरण के प्रति संवेदनशील लोगों, वैज्ञानिकों का स्पष्ट मत था कि इससे नुकसान ज्यादा होंगे ।
आज ही एक टीवी पत्रकार ने दिन में जोशीमठ क्षेत्र में हो रहे भूस्खलनों एवं घरों में आ रही दरारों पर प्रश्न किया । जोशीमठ क्षेत्र के बहुत से घर मकानों में दरारें आई हैं जिसकी रिपोर्ट उक्त पत्रकार ने की है । मैंने उनसे कहा कि पूर्व में भी जोशीमठ क्षेत्र कमजोर था, धंसाव का कटान का शिकार था किंतु पिछले कुछ समय में यह तेज हुआ है। लोग एनटीपीसी की सुरंग को व सड़क निर्माण को इसकी वजह मानते हैं । हमने पूरे जोशीमठ क्षेत्र के व्यापक उच्च स्तरीय भू गर्भीय सर्वेक्षण की मांग की है । साथ ही सम्पूर्ण क्षेत्र के व्यापक अध्ययन हेतु उच्चस्तरीय कमेटी की भी मांग की है । 17 18 19 अक्टूबर की बरसात के बाद अकेले जोशीमठ नगर से 140 से अधिक प्रार्थना पत्र नगर पालिका क्षेत्र जोशीमठ में भवनों पर दरार आने के, भूमि धंसाव के, दीवार पुश्ते गिरने के, आए हैं । जगह जगह भूमिं खिसक रही है ।
जोशीमठ क्षेत्र (ब्लॉक) में तो अधिकांश गांव से यह खबरें हैं । कई गांव ऐसे हालात में आ गए हैं कि उन्हें विस्थापित करना ही पड़ेगा आज नहीं तो कल । उन पत्रकार से मैंने कहा कि निकट भविष्य में यह स्थिति आने वाली है कि पूरे जोशीमठ का ही विस्थापन करना पड़ सकता हैं । जिस तरह गांव गांव से लोग हमसे कह रहे हैं वह बहुत चिंतनीय हालात की तरफ संकेत है ।
नीति की तरफ सड़क चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है । न्यायधीश लोगों को इस तरफ का दौरा करना चाहिए । उन्हें भी जो सडक चौड़ीकरण के पैरोकार हैं । इस घाटी में तपोवन से पहले व तपोवन के बाद खासकर रिणी के पहले व सुराइठोठा के बाद कई स्थानों पर जो हालात हैं वह इतने भयावह है कि यदि यही हाल रहा तो अभी जहां यह सड़क हफ्ता हफ्ता बन्द रहती है यह सड़क सुचारू रखना असम्भव हो जाएगा । क्योंकि 10 मीटर चौड़ा करने के लिए पहाड़ को 20 से 30 मीटर काटना होगा । अभी ही जब पहाड़ लटक कर नीचे आने को हैं तब क्या हाल होंगे । कई जगह पहाड़ से पत्थर नीचे गिर रहे हैं जो कि यह जारी रहा तो बढ़ने वाला है ।
तब सुरक्षा के लिए चौड़ीकरण का जो तर्क है तो, इतना अधिक काटने पर, पहाड़ के टूटने धंसने से जब सड़क पूरी तरह बन्द हो जाएगी तब उस सुरक्षा का क्या होगा ? यह ऐसा नहीं कि कोई कोरी कल्पना है । इसी साल फरवरी से लेकर पिछले महीने तक लगातार कई कई दिन यह सड़क बन्द रही है । नीति मार्ग भी और माणा मार्ग भी । यहीं से चीन का अंदर आने जाना रहता है ।
इसलिए सड़क वही अच्छी होगी जो स्थिर रहे सुचारू रहे । पर्यावरण के लिहाज से भी टिकाऊ रहे । सिर्फ इस पीढ़ी के लिए नहीं आने वाली पीढ़ी के लिए भी यह धरती सुरक्षित रहे, इस दृष्टि से विकास की कल्पना व रचना हो ।