पुलकित कुमार शर्मा
मई के महीने में थोक महंगाई दर अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। आर्थिक सलाहकार कार्यालय द्वारा कल मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार देश में थोक महंगाई दर बढ़कर 15.88 फीसदी हो गई है। बताया जा रहा कि 1991 के बाद से पहली बार थोक महंगाई इस उच्च स्तर पर पहुंची है। हालांकि फरवरी के महीने में थोक महंगाई दर घटकर 13.43 फीसदी पर आ गयी थी। लेकिन एक बार फिर से महंगाई दर में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी ने लोगों को हिला कर रख दिया है, महंगाई का सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ रहा है, क्योंकि पिछले कुछ महीनों में महंगाई दर में सबसे तेज़ी से बढ़ोतरी दैनिक उपभोग की वस्तुओं में हुई है।
अगर हम पिछले 6 महीनों की बात करें तो, दिसंबर के महीने में सभी वस्तुओं में महंगाई दर 14.27 फ़ीसदी थी, जिसके बाद जनवरी और फ़रवरी के महीने में महंगाई दर में थोड़ी गिरावट देखी गयी। लेकिन मार्च के महीने से एक बार फिर महंगाई दर में बढ़ोतरी होनी शुरू हो गयी है, जिसके बाद से महंगाई दर में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है और अब मई के महीने महंगाई दर बढ़कर अपने रिकॉर्ड स्तर 15.88 पर पहुंच गयी है, जैसा कि नीचे चित्र में दिखाया गया है।
देश में सबसे तेज़ी से महंगाई दर दैनिक उपभोग की वस्तुओं में बढ़ी है। दिसंबर के महीने में दैनिक उपभोग की वस्तुओं में महंगाई दर 13.78 फ़ीसदी थी जोकि मई में बढ़कर 19.71 फ़ीसदी हो गयी है। जबकि ईंधन और ऊर्जा, औद्योगिक वस्तुओं में महंगाई दर जैसी की तैसी बनी हुई है, जोकि पहले से ही अपने ऊंचे स्तर पर बनी हुई है।
हालांकि सभी प्रकार की वस्तुओं की अपनी जरूरतें और उपयोगिताएं होती हैं, लेकिन दैनिक उपभोग की वस्तुएं, जिसकी जरुरत हर आम आदमी को होती है। उनपर जिस तरह से महंगाई बढ़ रही है, उससे आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पढ़ रहा है। उदाहरण के तौर पर दैनिक उपभोग की वस्तुओं में खाद्य सामग्री- दाल, चावल, दूध, दही, सब्जिया और माँस-मच्छी आदि, गैर खाद्य सामग्री- सभी प्रकार के ऑइल शीड, मिनरल्स या खनिज पदार्थ और कच्चा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस पर पिछले कुछ महीनो से महंगाई के बढ़ने से लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पढ़ रहा है।
दैनिक उपभोग की वस्तुओं में, खाद्य सामग्री की चीजों पर दिसंबर के महीने में महंगाई दर 9.68 फीसदी थी जोकि मई में बढ़कर 12.34 फीसदी पर पहुंच गयी है। गैर-खाद्य सामग्री में महंगाई दर 19.28 फीसदी थी जोकि मई के महीने में बढ़कर 24.14 फीसदी हो गयी है, मिनरल्स या खनिज पदार्थो में महंगाई दर 18.87 फीसदी थी जोकि मई के महीने में बढ़कर 33.94 फीसदी हो गयी है। साथ ही कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस में दिसंबर के महीने में महंगाई दर 47.50 फीसदी थी जोकि मई के महीने में बढ़कर 79.50 फीसदी हो गयी है। जैसा कि नीचे चित्र में दिखाया गया है।
पेट्रोल और डीजल के दाम काफी हद तक महंगाई के बढ़ने के जिम्मेदार होते हैं। मौजूदा समय में पेट्रोल और डीजल के दाम जिस तरह से आसमान छू रहे हैं, उससे भी काफी हद तक महंगाई बढ़ी है, SBI की एक रिसर्च में कहा गया है कि मौजूदा समय में 59 फीसदी महंगाई पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से ही बढ़ी है। हालांकि यह बात अलग है, मौजूदा सरकार के प्रचारकों का वादा 30 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल उपलब्ध करने का था। साथ ही मोदी जी महंगाई को लेकर अपने भाषणों में पिछली सरकार पर ताना कसते हुए कहते थे कि UPA की सरकार में महंगाई दो डिजिट में हुआ करती थी। लेकिन अब जब महंगाई दो डिजिट के उच्च स्तर पर है, तो मोदी इस पर बात करते दिखाई नहीं देते।
‘www.hindi.newsclick.in’ से साभार