डॉ. हरीश चंद्र अंडोला
उत्तराखंड की राजनीति भले ही मुख्य तौर पर भाजपा और कांग्रेस के बीच ही सिमटी रही हो, बावजूद इसके चुनावी राजनीति में किस्मत आजमाने के इच्छुक दलों की संख्या राज्य में तीन दर्जन के पार पहुंच चुकी है। 70 विधानसभा सीटों पर 45 राजनैतिक दल अपने किस्मत अजमाना चाहते हैं। इसके बावजूद भी कई दल आयोग के दरवाजे पर लगातार दस्तक दे रहे हैं।
भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराई गई सूची के अनुसार प्रदेश में मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दलों के अलावा अमान्यता प्राप्त पंजीकृत दलों की संख्या 36 के पार पहुंच चुकी है। इसमें आधे से अधिक 19 दल देहरादून जिले में पंजीकृत हैं, जबकि आठ हरिद्वार और चार नैनीताल में पंजीकृत हैं। इसके अलावा भी आयोग को हाल के समय स्पॉक्स पार्टी, अपनी पार्टी सहित छह दलों की तरफ से उत्तराखंड में चुनाव लड़ने के आवेदन प्राप्त हुए हैं।
अभी अन्य राज्यों में मान्यता प्राप्त कुछ और दलों के उत्तराखंड के चुनावी दंगल में कूदने की संभावना जताई जा रही है। उत्तराखंड की राजधानी गैरसैंण बनाने के लिए तकरीबन सभी दल हामी भरते हैं। लेकिन मात्र एक दल उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने गैरसैंण के पते पर खुद का पंजीकरण कराया है। इसके अलावा भारत निर्वाचन आयोग की सूची में शामिल 36 में से आठ दलों का नामकरण उत्तराखंड के नाम पर है, हालांकि उत्तराखंड में एक भी दल राज्यस्तरीय मान्यता प्राप्त नहीं है। इसके अलावा 12 दलों के नाम में भारत या भारतीय शामिल है। उत्तराखंड नामधारी छह दलों का पंजीकरण देहरादून के पते पर हुआ है।