‘नैनीताल समाचार’ का 1 से 14 जुलाय 2023 अंक मिला। कृष्णकांत जी का लेख ‘एक वो भी कवि थे’ मानो आज देश को जगाने के लिये गंभीर गर्जना करता हुआ महसूस हुआ। मुस्लिम कवियों के रचे ये भजन गीत हमारे मंदिरों में भक्तिभाव का सृजन करते हैं। तब भी इन मंदिरों के हिन्दू भक्त का नफरत के राजनीतिक भ्रमजाल में फँस कर भेदभाव के जहर से अपने मानस और सदियों से विभिन्नता में एकरस घोलने वाले हमारे समाज को विषाक्त करने का वातावरण बनता जा रहा है। मैं तो समझती हूँ कि उक्त लेख के आधार पर एक पोस्टर बनना चाहिये। कम से कम इस पत्र द्वारा आपको बधाई तो अभी दे रही हूँ।
दूसरा चिंता में डालने वाला आलेख जयप्रकाश पंवार का था, जो उत्तराखंड राज्य के भविष्य पर एक प्रश्नचिन्ह लगा रहा है। केवल राजनीतिक स्वयायत्ता ही नहीं सामाजिक सुदृढ़ता की दृष्टि से भी यह अस्तित्व का प्रश्न है। उत्तराखंड का समाज जो अन्याय के खिलाफ उठ खड़े होने का अपना इतिहास रखता है, क्या आज अपने समाज को टुकड़े-टुकड़े होने देगा ? ‘नैनीताल समाचार’ वह चेतना जगायेगा कि हम समाज से कह सके, हम यह नहीं सहेंगे, हम एक रहे हैं एक रहेंगे।
आपकी
राधा बहन
कौसानी