गंगा असनोड़ा
‘अमर उजाला’ तथा ‘हिन्दुस्तान’ के संपादक रहे पहाड़ के मुद्दों पर बेबाकी से बात रखने वाले सच्चे व्यक्तित्व दिनेश जुयाल अब नहीं रहे। पत्रकार साथी मनमीत ने बताया कि इसी अक्टूबर माह में उन्हें किडनी का कैंसर डायग्नोज हुआ।
पीजीआई चंडीगढ़ से उनका इलाज चल रहा था। 69वर्ष की आयु में उनका शुक्रवार करीब 9बजे डॉक्टर्स ने उनकी मृत्यु की सूचना परिजनों को दी। अपने पीछे वे पत्नी के साथ दो विवाहित पुत्रों का संसार छोड़ गए हैं।
1नवंबर शुक्रवार को उनकी तीसरी कीमो हुई। कीमो के बाद उनका ब्लड प्रेशर गिर गया था, लेकिन फिर वे बिल्कुल सही हो गए। ठीक होने के बाद उन्हें घर के लिए डिस्चार्ज भी दे दिया गया, लेकिन सांय करीब छह बजे अचानक ही उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ। महंत इंद्रेश अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।
दिनेश जुयाल के रूप में पत्रकारिता जगत को बड़ी क्षति हुई है। आज के समय में जब पत्रकारिता नैतिक पतन के चरम पर है, दिनेश जुयाल ने अपने नैतिक मूल्यों तथा पत्रकारिता की नैतिकता के साथ पत्रकारिता को बनाए रखा। पहाड़ उनकी चिंता और चिंतन का विषय सदैव बना रहा। पहाड़ को लेकर राजनैतिक इच्छाशक्ति के अभाव पर वे फट पड़ते और बेबाक टिप्पणी करते। उनकी दो टूक राजनेताओं को खूब आइना दिखाती।
एक संपादक के रूप में, कॉलमिस्ट के रूप में वे सदैव संवेदनशील बने रहे। उनकी मानवीयता को प्रणाम। दो दिन पहले दीपावली शुभकामना के प्रत्युत्तर में उनका जवाब मिला – सर्वत्र शुभ हो।
आपका इस तरह चले जाना दिल को कचोट गया भाई साहब! दिली सलाम, अंतिम प्रणाम