डाॅ. सुशील उपाध्याय हर तरफ पनौती छाया हुआ है। यह फिल्मों की दुनिया से निकलकर राजनीति के मंच पर आ गया है। क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत की हार के बाद सोशल मीडिया पर इस शब्द ने तेजी से ज... Read more
चंद्रशेखर तिवारी देहरादून, 24 नवम्बर, आज सायं 4ः00 बजे दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से अंबेडकर की बात श्रंखला के अंतर्गत ज्वलंत विषय ‘सामाजिक न्याय: समाज में प्रचलित आख्यान और वास्तवि... Read more
इन्द्रेश मैखुरी उत्तराखंड में एक विश्वविद्यालय है- मुक्त विश्वविद्यालय. काफी अरसे से मुक्त विश्वविद्यालय, अकादमिक कारणों से इतर कारणों के लिए चर्चा में है. भाजपा के एक नेता हैं- शिवप्रकाश... Read more
नवीन जोशी पिथौरागढ़ की इस बार की यात्रा में युवाओं द्वारा संचालित ‘आरंभ’ अध्ययन केन्द्र को करीब से देखने का अवसर मिला। पहले सिर्फ सुना ही था। दो कमरे के एक छोटे से ‘आरंभ’ केन्द्र में साहित्य... Read more
पवन चौहान ‘शैक्षिक दखल’-यह उस पत्रिका का नाम है जो शिक्षा से जुड़े मुद्दों पर बहुत ही सुंदर तरीके के साथ बेबाकी से बात करती है। इस पत्रिका के प्रकाशन को 12 वर्ष हो चुके हैं, और पत्रिका निरंत... Read more
संजय कुकसाल कहते हैं न अगर एक टीम के साथ मिलकर किसी कार्य को पूर्ण करने का संकल्प लिया जाए तो वह कार्य हमेशा सफल होता है। यह और भी गुणवत्तापूर्ण हो जाता है तब होता है एक प्रधानाध्यापक अपने... Read more
राजेन्द्र भट्ट ऐसी शिक्षा जब मातृभाषा में दी जाती है तो अपनेपन की, उदारता और उल्लास की, जन-मन की उम्मीदों-उदासियों-टीसों-अपेक्षाओं का पूरा विस्तार खोल देती है। यहीं से बच्चे (बच्चे का मतलब ह... Read more
राजेन्द्र भट्ट अपने देश में शिक्षा से जुड़े सवालों पर लिखना चाहता हूँ पर सीमाएं बहुत हैं। एक तो शिक्षाविद नहीं हूँ, दूसरे विषय ऐसा है कि ऊन का गोला बनाना है और मुद्दे धागों की तरह उलझे हैं।... Read more
सुशील उपाध्याय पीएच.डी. की अवधि फिर दो साल होगी। क्यों होगी, इसकी तह में जाने की जरूरत नहीं है। बस, इसलिए होगी क्योंकि यूजीसी ने तय किया है। इसके बारे में नए रेगुलेशन का ड्राफ्ट जारी कर दिया... Read more
रिया (11वीं) नानकमत्ता पब्लिक स्कूल जैसे ही नज़र घुमाई सामने घना जंगल था। कई सागवान और लिप्टिस के पेड़ों के बीच से होकर गुज़रती सड़क ने हमारी हिदायत की। जंगल पहुँचने पर ठंडी हवा के झोंकों, स... Read more