दिनेश उपाध्याय किताब के जिल्द का पार्श्व काला है जिस पर लाल अक्षरों से किताब का नाम लिखा है ‘मुखजात्रा‘। लम्बे समय बाद एक ऐसी किताब पढ़ने को मिली जिसे पढ़ना शुरू किया तो पढ़ता चला गया। यह पुस्त... Read more
दिनेश कर्नाटक जीवनियां आमतौर पर किसी क्षेत्र विशेष में कामयाब हुए लोगों पर लिखी जाती है। ऐसे लोगों से परिचित होने की वजह से पाठक जीवनी पढ़ने को उत्सुक होते हैं ताकि उनके जीवन के ओर-छोर से परि... Read more
अरुण कुकसाल वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली और भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला से 2019 में प्रकाशित ‘हरी भरी उम्मीद’ (चिपको आन्दोलन और अन्य जंगलात प्रतिरोधों की परम्परा) किताब उस समाज को समर्पित ह... Read more
अरुण कुकसाल मैंने जानना चाहा कि यह पाठ किस बारे में है तो उसने बताया कि वह अल्लाह से दुआ मांगने की कहानी है। बगैर किसी निश्चित प्रतिक्रिया की अपेक्षा किए मैंने पूछाए अगर तुम्हें कहीं अल्लाह... Read more
देवेश जोशी (नरेन्द्र सिंह नेगी के गीतों का अंग्रेजी अनुवाद) उत्तराखण्ड में जन्मे नरेन्द्र सिंह नेगी ऐसे रचनाकार हैं जिनके सृजन में हिमालय का प्रतिनिधित्व झलकता है। उनका सृजन त्रिस्तरीय है। श... Read more
देवेश जोशी अगर कोई मुझे पूछे कि बच्चों के गीतों और प्रौढ़ों की कविताओं में क्या अंतर होता है तो मैं कहूंगा, वही जो किसी पहाड़ी स्रोत के जल और आर.ओ.के पानी में होता है। पहले पे कोई ठप्पा नहीं... Read more
शंभू राणा ‘लच्छी’ भूमिका जोशी का इसी वर्ष प्रकाशित उपन्यास है. वाणी प्रकाशन से छपा यह उपन्यास एक घर, उसके वाशिन्दों और एक शहर की कहानी है. उपन्यास में अपने को पढ़वा ले जाने क... Read more
दिनेश कर्नाटक ‘अमेरिका में मेरे दो वर्ष’ आजीवन गांधीवादी सिद्धांतों पर चलने वाले स्वर्गीय गोपाल दत्त पांडे की सन 1960-61 में अमेरिका में बिताए दो वर्ष की डायरी है। हाल ही में कर... Read more
दिनेश कर्नाटक जाति व्यवस्था अपने देश की एक ऐसी बीमारी है, जिसका समाधान संविधान तथा कानूनी रूप से होने के बावजूद समाज तथा लोगों की सोच के स्तर पर आजादी के 72 बाद भी नहीं हो पाया है। इसके मूल... Read more
डॉ. अरुण कुकसाल जीवन के पहले अध्यापक को भला कौन भूल सकता है। अध्यापकों में वह अग्रणी है। शिक्षा और शिक्षक के प्रति बालसुलभ अवधारणा की पहली खिड़की वही खोलता है। जाहिर है एक जिम्मेदार और दूरदर्... Read more