देवेश जोशी गाँधी के जन्म के 150वें साल में अगर एक प्रख्यात इतिहासकार लेखक के व्याख्यान का विषय ही हो कि क्यों गाँधी अभी भी महत्व रखते हैं, तो समकाल की नब्ज़ को परखना आसान हो जाता है। अवसर था... Read more
असग़र वजाहत बूढ़ी औरत को जब यह बताया गया कि उसके पोते सलीम की ‘लिंचिंग’ हो गई है तो उसकी समझ में कुछ न आया। उसके काले, झुर्रियों पड़े चेहरे और धुंधली मटमैली आंखों में कोई भाव न आय... Read more
उत्तराखंड का तामता (टम्टा) समुदाय उत्तराखंड का प्राचीन ऐतिहासिक नगर अल्मोड़ा कला व संस्कृति के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान रखता है. इस नगर की पहचान बुद्धिजीवियों के नगर के रूप में की जाती है.... Read more
17 फरवरी 1952 को उत्तराखंड के पौड़ी जिले में जन्मे उमेश डोभाल को एक निर्भीक पत्रकार के रूप में याद किया जाता है. एक पत्रकार होने के अलावा वे अच्छे कवि और सामाजिक कार्यकर्ता भी थे. (Umesh Dobh... Read more
‘मानव जीवन थमता नहीं, हां कभी-कभी थक जरूर जाता है। बिडम्बना यह है कि इस जीवनीय थकान को ‘परे हट’ कहने का साहस कुछ ही लोग कर पाते हैं। ये ही लोग पग-पग पर मिली असफलताओं की थकान से उपजी सीख के ब... Read more
ताराचन्द्र त्रिपाठी विश्व के सभी धर्मों में हिन्दू धर्म सबसे निर्बन्ध धर्म है। आप आस्तिक हों या ना्स्तिक, आप वेदों को मानें या न मानें, आप शिव के उपासक हैं या विष्णु के, या देवी के, या इनमें... Read more
प्रकाश जोशी संस्कृति तथा साहित्य के संवर्द्धन एवं उन्नयन की जिम्मेदारी सरकार की है। यदि सरकार में संवेदनशीलता हो तो ऐसा काम होता भी है। उत्तराखंड में एक साहित्य, संस्कृति व कला परिषद् बनाई ग... Read more
वंदना टीवी एडिटर गिरीश कर्नाड को आप रंग मंच के एक मझे हुए लेखक के तौर पर याद रख सकते हैं, जिसने 26 साल की उम्र में 1964 में तुग़लक़ जैसे एतिहासिक किरदार पर नाटक लिखा. 1986 की बात है जब इसका... Read more
देवेंद्र कुमार बुडाकोटी उत्तराखंड के लोग राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में नाम कमा रहे हैं। आज भारतीय सेनाध्यक्ष बिपिन रावत से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, मानव सं... Read more
– योगेंद्र कृष्णा हत्यारे जब बुद्धिजीवी होते हैं वे तुम्हें ऐसे नहीं मारते बख्श देते हैं तुम्हें तुम्हारी जिंदगी बड़ी चालाकी से झपट लेते हैं तुमसे तुम्हरा वह समय तुम्हारी वह आवाज तुम्ह... Read more