हेमंत बिष्ट अनिल भोज जी का इस संसार को छोड़कर जाना, कई क्षेत्रों में शून्यता भर गया। एक भौतिक विज्ञान प्रवक्ता के रूप में सुदीर्घ सेवा करते हुए वह साहित्य, संस्कृति और कलाओं के प्रति समर्पित... Read more
मिथिलेश कुमार सिंह ‘खबर सिर्फ इतनी नहीं है कि 1948 में टिहरी गढ़वाल के काफलपानी गांव में वह पैदा हुआ था, पढ़ाई- लिखाई देहरादून में हुई, नौकरी उसने देश के मुख्तलिफ शहरों में की, वह कवि... Read more
प्रियदर्शन ‘पहाड़ों की यातनाएं हमारे पीछे हैं, मैदानों की हमारे आगे.’ जर्मन कवि बर्तोल्त ब्रेख्त की यह काव्य पंक्ति मंगलेश डबराल को बहुत प्रिय थी और अक्सर वे इसे दोहराया करते थे.... Read more
चारु तिवारी बहुत विचलित करने वाली खबर आ रही है। हमारे अग्रज, प्रिय कवि, जनसरोकारों के लिये प्रतिबद्ध मंगलेश डबराल जी जिंदगी की जंग हार गये हैं। पिछले दिनों वे बीमार हुये तो लगातार हालत बिगड... Read more
देवेन मेवाड़ी आज पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय साठ वर्ष का हो गया है। वे सन् साठ और सत्तर के दिन थे। पंतनगर के स्वर्णिम दिन। हमें इस बात पर बहुत गर्व होता था कि हम देश के प्रथम और शीर्ष कृषि विश्... Read more
इन्द्रेश मैखुरी (नोट : यह लेख 2017 में लिखा गया था, श्रीयंत्र टापू गोलीकांड को याद करते हुए,इसे पुनः प्रस्तुत किया जा रहा है) 10 नवम्बर 1995 को श्रीनगर(गढ़वाल) के श्रीयंत्र टापू पर दो आन्दोलन... Read more
चारु तिवारी फेसबुक कभी-कभी हमारे जीवन का प्रतिबिंब बन जाता है। इसमें दिखाई देने लगता अपना सुखद अतीत। एक माध्यम ही तो है फेसबुक। संवेदनाएं अपनी हैं। यादें भी अपनी। पहले कभी कोई वर्षो बाद मिलत... Read more
उमा भट्ट 18 अक्टूबर की सुबह सात बजकर बारह मिनट पर मैंने मधु जोशी के लिए व्हट्सऐप पर सन्देश भेजा कि निर्मला ढैला से जो लेख लिखवाने की बात हुई थी, वह कब तक मिलेगा क्योंकि अब इस बात को 10-12 दि... Read more
विरेन्द्र सेंगर मित्रों के अलविदा होने का सिलसिला ही चल पड़ा है। ताजा बारी आई भाई राम बिलास पासवान की।वे 74 की उम्र में ही चले गये। सादर नमन! मित्र। आप बहुत याद आओगे । आपका हंसमुख चेहरा याद आ... Read more