गजेंद्र रौतेला
प्रभावितों का कहना है कि वर्ष 2013 की भीषण आपदा के पश्चात लोग अपने संघर्षों से पुनः अपने घर व्यवसाय आदि को पुनर्स्थापित करने की जद्दोजहद कर ही रहे थे कि ऑल वेदर रोड के नाम पर उन्हें बेघर और बेदखल किया जा रहा है । इस प्रकार की अमानवीय और असंवेदनशील किस्म की प्रताड़ना से लोग सदमे में हैं कि एक तरफ तो सरकार पलायन रोकने की खोखली बातें कर रही है और दूसरी तरफ बसे-बसाये घरों को उजाड़कर पलायन के लिए मजबूर कर रही है।
संघर्ष समिति ऑल वेदर रोड रुद्रप्रयाग गौरीकुंड एन0एच0 109 के बैनर तले आज तिलवाड़ा व्यापार संघ के सहयोग से प्रभावित भू,भवन स्वामियों एवं व्यापारियों ने एक बैठक की। जिसमें सरकार से यह माँग की गई कि पर्वतीय क्षेत्र की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सड़क की चौड़ाई 12 मी0 अधिकतम रखी जाए तथा उसके अनुरूप ही भू-भवन का अधिग्रहण किया जाय और प्रभावितों को पंचेश्वर डैम के प्रभावितों को दिए जा रहे आठ गुना मुआवजे की भाँति ही मुआवजा दिया जाय।
प्रभावितों का कहना है कि वर्ष 2013 की भीषण आपदा के पश्चात लोग अपने संघर्षों से पुनः अपने घर व्यवसाय आदि को पुनर्स्थापित करने की जद्दोजहद कर ही रहे थे कि ऑल वेदर रोड के नाम पर उन्हें बेघर और बेदखल किया जा रहा है । इस प्रकार की अमानवीय और असंवेदनशील किस्म की प्रताड़ना से लोग सदमे में हैं कि एक तरफ तो सरकार पलायन रोकने की खोखली बातें कर रही है और दूसरी तरफ बसे-बसाये घरों को उजाड़कर पलायन के लिए मजबूर कर रही है।
संघर्ष समिति के अध्यक्ष रमेश बेंजवाल जो कि स्वयं आपदा पीड़ित हैं ने कहा कि हम ऑल वेदर रोड का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि पहाड़ों के लिए मानकों में शिथिलीकरण किया जाय और उचित मुआवजा मिले तथा अधिग्रहित की जा रही भूमि पर बने भवन का मुआवजा पहले मिले उसके पश्चात भूमि अधिग्रहण का मुआवजा और व्यापारियों को व्यापार करने के लिए उचित स्थान मिले यही हमारी प्रमुख मांगें हैं।यदि ये सब माँगे नहीं मानी जाती हैं तो हम आत्मदाह करने से भी नहीं हिचकेंगे। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन -प्रशासन की होगी।वहीं व्यापार संघ तिलवाड़ा के अध्यक्ष सुरेंद्र सकलानी ने कहा कि सरकार द्वारा पूर्व में कराए गये सर्वे और आंकलन में जनता को विश्वास में नहीं लिया गया जिससे कई प्रकार की विसंगतियां सामने आ रही हैं ।
सरकार को चाहिए कि प्रभावितों को विश्वास में लेकर पुनः सर्वे और आंकलन करवाया जाए तो कई प्रकार की विसंगतियां जमीनी स्तर पर ही सुलझ सकती हैं।बैठक के पश्चात सभी प्रभावितों ने तिलवाड़ा बाजार में जुलूस निकाला और शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजे की जिससे तिलवाड़ा बाजार में कुछ समय के लिए सड़क जाम की स्थिति भी बन गई।इस अवसर पर संघर्ष समिति के संरक्षक विक्रम सिंह कंडारी ,हर्षवर्धन बेंजवाल,अतुल रावत,प्रदीप कुमार , दीर्घायु प्रसाद बेंजवाल,श्रेष्ठमणि भट्ट,कुसुम राणा, भूपेंद्र नौटियाल, भूपें द्गो स्वामी,शाखादेवी गोस्वामी,गोदम्बरी देवी ,तिलवाड़ा व्यापार संघ के महामंत्री मान सिंह जगवांण सहित सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे।