यहाँ तो सारे पाड़ के लोग शादियाँ रचाने भावर और तराई में आ रहे हैं, आप बात रुद्रप्रयाग की करते हो. यहाँ लोग दयारदूण, कोट्दार, रीसकेश, रामनगर, हल्दूआणी, रुदरपूर, खटीम के बरात घरों में एतिहासिक शादियाँ कराने को निछावर हैं तो उनें कैसे पहाड़ जाने के लिए पटाया जाए?
अनुष्का भुली की शादी माकोट रुदर परयाग से होती तो कहा….
अब बताइए अगर अनुष्का शर्मा की शादी उसके ननिहाल रुद्रप्रयाग में होती तो कैसा होता? ठीक ही रहता, घर से ही शादी होनी चाहिए. इसलिए पूछ रहा हूँ कि करोड़ों खर्च कर इटली के जिस गाँव में वह खाली शादी करने गयी, वह कुछ समय पहले एक वीरान गाँव था.
कुछ लोगों ने इस वीरान गाँव को दुबारा आबाद करने के लिए उसे संजाने-सँवारने की ठानी और आज यहाँ दुनिया भर के पैसे वाले लोग खासतौर से शादियाँ करने आते हैं. यहाँ तक कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ओबामा ज्यू भी इस जगा का किस्सा सुनकर सपरिवार वहां पधार चुके हैं.
मेरी इस फंतासी पर आप कहेंगे, यहाँ तो सारे पाड़ के लोग शादियाँ रचाने भावर और तराई में आ रहे हैं, आप बात रुद्रप्रयाग की करते हो. यहाँ लोग दयारदूण, कोट्दार, रीसकेश, रामनगर, हल्दूआणी, रुदरपूर, खटीम के बरात घरों में एतिहासिक शादियाँ कराने को निछावर हैं तो उनें कैसे पहाड़ जाने के लिए पटाया जाए?
थ्वाड़ देर के लिए सोचकर तो देखो यार जैसे रुदरप्रयाग का चोप्ता बुग्याल या चमोली का आली, गोर्सों या बेदिनी बुग्याल या मुनस्यारी का खालिया टॉप में दो चार लौंडों-लौंडियों की शादी करा दी जाए और उसके झक्कास टाइप फोटो धिंचिक दीप बिष्ट बाबा टाइप फोटोग्राफर से खिंचवा लिए जाए तो भारत क्या इटली और स्विट्ज़रलैंड से जोड़े आने लगेंगे.
सच्ची में मिलाकर देखो परदेस के इस एक्स-वीरान गाँव को और अपने क्या-क्या नहीं को, पता चलि जायेगा. यहाँ तो सजाने-सुजाने की भी जौरत नी पड़ेगी कहा. हिमालय ने सब सेट कर रखा है. और वीरान गांवों की तो यहाँ बाखलियाँ ही बाखालियाँ ठैरी हो.