अजयमित्र बिष्ट
अल्मोड़ा में डॉ शमशेर सिंह बिष्ट की छठी पुण्य तिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम में डॉ. शमशेर सिंह बिष्ट के जीवन पर प्रकाश डालते हुए मुख्य वक्ता अतुल सती ने कहा कि उत्तराखण्ड का समग्र विकास के लिये कैसी नीतियां हो इस पर शमशेर सिंह बिष्ट आजीवन संघर्ष करते रहे। राज्य तो बना पर नीतियां पहाड़ के अनुरूप नहीं बनी, पहाड़ में जनकेन्द्रित योजनाये बने, इसके लिये राज्य आन्दोलन चला पर वर्तमान में इसके विपरीत कार्य हुए। वर्तमान में जो परियोजनायें बन रही हैं उसका नमुना उत्तरकाशी में दबे हुए मजदूरों को निकालने की प्रक्रिया में हम देख चुके हैं। उन्होंने कहा कि श्रीनगर में रेलवे स्टेशन बन रहा है, वह कभी भी बह सकता है। पहाड़ में जो सुरंग बन रही है वह पहाड़ों को हिला रही है। सड़क चौड़ीकरण में भी कई स्थानां में भूस्खलन हो रहे हैं। अब आल वेदर रोड़ में 146 स्थानां में भू स्खलन हो रहा है। गढ़वाल के धामों में लगभग एक माह में तीस लाख यात्री पहुचे, उसके बाद यात्रा बाधित है। बद्रीनाथ व केदारनाथ में आजकल पन्द्रह बीस हजार लोग पहुंच रहे हैं, जिनको वहां टिकाये रखने की व्यवस्था नहीं है। रिवर फ्रंट बनाये जा रहे हैं, जिससे नदियां के स्वभाविक बहाव प्रभावित हो रहे हैं। अव्यवस्था बढ़ रही है। चार धाम यात्राओं में कोई स्पेशलिस्ट नहीं है। यात्रा रूट में स्वास्थ्य की व्यवस्थाएं प्रभावित हैं, जोशीमठ में भूमिधारण क्षमता बढ़ गई। यह सभी पहाड़ी शहरों में हो रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता रेवती बिष्ट ने की तथा संचालन दयाकृष्ण काण्डपाल ने किया। शमशेर स्मृति समारोह का शुभारम्भ जनगीतां से हुआ। एड. जगत रौतेला ने वाहिनी के जनआन्दोलनों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि एक जुझारु छात्र नेता के रूप में उन्होंने अपने जीवन का शुभारम्भ किया जिन्होंने हिमालय के संघर्षों से अपने आप को आजीवन जोड़े रखा। वे आजीवन मार्गदर्शन देते रहे। उत्तराखण्ड के जनसंघषों को वे गति देते रहे। भू कानून पर गम्भीरता जरूरी है। निवर्तमान पालिकाध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी ने कहा कि आज राजनैतिक परिदृष्य ऐसा हो गया है कि जनहित के मामलों में भी हम दलगत राजनीति में फंस जाते हैं। उन्होंने कहा कि विकास प्राधिकरण का मुद्दा सबसे जुड़ा हुआ मुद्दा है पर आम सहभागिता नहीं हो रही है। जनहित के मुद्दों में दलगत राजनीति होना दुरभाग्यपूर्ण है। इस अवसर पर पूरन चन्द्र तिवारी, जग बहादुर थापा, बिशन दत्त जोशी, अजय मेहता, भावना जोशी, आशिश जोशी, बी.डी.एस. नेगी, हर्षिता जोशी, शिवदत्त पाण्डे, संजय पाण्डे, एड जमन सिंह बिष्ट, दिवान धोला, हयात सिंह रावत, अजय मित्र सिंह बिष्ट आदि शामिल रहे.