अरविंद शेखर
संसद में संघीय सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम को लेकर दी जानकारी 2018-19 में 26424 रोजगार सृजित पर इस वित्तीय वर्ष में 31 अक्टूबर 2019 तक केवल 6224 रोजगार ही सृजित
प्रदेश सरकार मौजूदा वित्तीय वर्ष को रोजगार वर्ष के रूप में मना रही है लेकिन अफसोस की बात है कि इस वित्तीय वर्ष में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत रोजगार सृजन में भारी करीब 76 फीसद तक गिरावट आई है। पीएमईजीपी के तहत अपना कारोबार यानी स्वरोजगार शुरू करने के लिए 10 लाख रुपये तक का कर्ज बिना कुछ गिरवी रखे दिया जाता है। वहीं 25 लाख तक के कर्ज में 35 फीसद सब्सिडी दी जाती है। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने मार्च 2020 तक देश में 14 लाख रोजगार के अवसर सृजित करने का लक्ष्य रखा है।
हाल में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के केरल के अलप्पुझा से सांसद एएम आरिफ के अतारांकित सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय ने बताया कि अनुमानित आंकड़ों के मुताबिक 2016-17 में प्रदेश में इस कार्यक्रम के तहत 9890 रोजगार सृजित हुए। जबकि 2017-18 में यह बढ़कर 12904 रोजगार सृजित हुए। 2018-19 में यह और बढ़कर 26424 हो गए लेकिन इस साल यानी 31 अक्टूबर 2019 तक केवल 6224 रोजगार ही सृजित हुए। इस तरह उत्तराखंड इस कार्यक्रम के तहत रोजगार सृजन के मामले में देश के 34 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 17वें स्थान पर है। देशभर के आंकड़े देखें तो प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत वित्त वर्ष (2019-20) में 31 अक्टूबर तक देशभर में सिर्फ 2,11,840 रोजगार सृजित हो पाए। रोजगार सृजन में त्रिपुरा, केरल, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना और गुजरात की स्थिति सबसे खस्ता है। 31 अक्टूबर तक त्रिपुरा में शून्य रोजगार सृजन हुआ तो तो वहीं, केरल में सिर्फ 72, जम्मू-कश्मीर में 216, गुजरात में 264, तेलंगाना में 256, राजस्थान में 312 और दिल्ली में कुल 368 लोगों को रोजगार का मौका मिला।। इसी तरह पंजाब, झारखंड, छत्तीसगढ़ और लक्षद्वीप में रोजगार सृजन की संख्या 500 से 2000 के अंदर ही है। बता दें कि रोजगार के सवाल पर विपक्ष लगातार हमलावर रहा है हाल में ही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आरोप लगाया था कि प्रदेश सरकार ने 12 हजार नियमित पदों को मृत घोषित कर दिया है। राष्ट्रीय प्रतिदर्श संगठन (नेशनल सैंपल सव्रे ऑग्रेनाइजेशन-एनएसएसओ) के हाल में जारी ‘‘ आवधिक श्रमबल सव्रेक्षण’ के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के शहरी इलाकों में काम करने लायक आयु वाले सभी वर्गों में इस साल जनवरी से मार्च तक की तिमाही में बेरोजगारी दर 14.2 प्रतिशत रही है।
इस साल 31 अक्टूबर तक पीएमईजीपी के तहत रोजगार सृजन की स्थिति
उत्तर प्रदेश-19032, अरुणाचल-17488, कर्नाटक-17192, असम-16992, मणिपुर-13800, तमिलनाडु-12656, आंध्र प्रदेश-8632, हरियाणा-8432, अंडमान निकोबार- 8224, हिमाचल प्रदेश-8200, मिजोरम-8064, गोवा-7776, चंडीगढ़-7216, बिहार-6752, मध्य प्रदेश-6688, महाराष्ट्र-6488, उत्तराखंड-6224, मेघालय-5552, सिक्किम-5456, पुडुचेरी-5136, नागालैंड-3856, पश्चिमी बंगाल-2680, उड़ीसा-2144, छत्तीसगढ़-1992, लक्षद्वीप-1712, झारखंड-1072, पंजाब-896, दिल्ली-368, राजस्थान-312, गुजरात-264, तेलंगाना-256, जम्मू-कश्मीर-216, केरल-72, त्रिपुरा-0