राज्यसभा में अमित शाह ने जो संकल्प पत्र पढ़ा उसको राष्ट्रपति की मंजूरी पहले ही मिल चुकी थी। अब जम्मू कश्मीर केंद्रशासित राज्य कहलायेगा, जबकि लद्दाख अलग केंद्रशासित राज्य होगा तो भाजपा अपने सबसे महात्वाकांक्षी वादों पहले तीन तलाक, फिर धारा 370 के खात्मे के बाद अब क्या राममंदिर निर्माण की ओर आगे बढ़ेगी
जनज्वार डैस्क
जम्मू कश्मीर को लेकर देशभर में जो अफरातफरी का और संदेहों का जो माहौल था, उसपर गृहमंत्री अमित शाह ने विराम लगा दिया है। सरकार के इस फैसले के विरोध स्वरूप असम के एक सांसद ने इस्तीफा भी दे दिया है। वहीं इस फैसले के विरोध में कांग्रेस ने राज्यसभा और लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव पारित किया है।
संविधान के अनुच्छेद 370(3) के अंतर्गत जिस दिन से राष्ट्रपति द्वारा इस सरकारी गैजेट को स्वीकार किया जाएगा, उस दिन से अनुच्छेद 370 (1) के अलावा अनुच्छेद 370 के कोई भी खंड लागू नहीं होंगे।
– अमित शाह, केंद्रीय गृहमंत्री
गृहमंत्री अमित शाह राज्यसभा में धारा 370 खत्म करने की घोषणा करने के साथ जम्मू कश्मीर और लद्दाख को अलग—अलग केंद्रशासित राज्य बनाने की भी घोषणा की। धारा 370 खत्म किए जाने के बाद कश्मीर में किसी तरह का विरोध न हो और लोग सहमें रहें इसके लिए वहां पर धारा 144 लागू कर दी गयी है।
राज्यसभा में अमित शाह ने जो संकल्प पत्र पढ़ा उसको राष्ट्रपति की मंजूरी पहले ही मिल चुकी थी। अब जम्मू कश्मीर केंद्रशासित राज्य कहलायेगा, जबकि लद्दाख अलग केंद्रशासित राज्य होगा।
आज भारतीय इतिहास का सबसे कालादिन है। भारत और जम्मू—कश्मीर के बीच हुए समझौते का मोदी सरकार ने उल्लघंन किया है। विशेष दर्जा तोहफा नहीं था, बल्कि हमारा अधिकार था।
– महबूबा मुफ्ती, पूर्व मुख्यमंत्री जम्मू—कश्मीर
अनुच्छेद 370 में अब सिर्फ खंड 1 बचा रहेगा, हालांकि अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वह प्रावधान क्या है। अगर यह कानून बन गया तो जम्मू—कश्मीर को विशेष राज्य के दर्जे से बाहर कर दिया जाएगा। अभी तक भारत के अन्य नागरिकों के लिए जो कानून बनता रहा है, अब जम्मू—कश्मीर के लोगों पर लागू नहीं होता था, जबकि अब होगा।
धारा 370 खत्म करना भाजपा और आरएसएस के सबसे महत्वपूर्ण वादों में से एक रहा है, जिसे आज मोदी नेतृत्व वाली पूर्ण बहुमत की सरकार ने पूरा कर दिया है। माना जा रहा है कि धारा 370 खत्म होने के बाद 35ए यानी जम्मू कश्मीर के बाहर के लोगों को वहां संपत्ति लेने का अधिकार सबको हो जाएगा।
जम्मू—कश्मीर अब स्वतंत्र राज्य की जगह एक केंद्रशासित राज्य होगा, जैसे की दिल्ली। केंद्र का यह फैसला तब आया जबकि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार लंबे समय से इस बात का संघर्ष कर रही है कि दिल्ली को एक स्वतंत्र राज्य का दर्जा दिया जाए।
हिन्दी वैब पत्रिका ‘जनज्वार’ से साभार