अविकल थपलियाल
गैरसैंण। इधर दून में धामी सरकार बजट पेश कर रही थी उधर गैरसैंण में विपक्षी दल कांग्रेस विधानसभा का प्रतीकात्मक सत्र आहूत कर जनमुद्दों ओर सरकार को ‘घेर’ रही थी।
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में मंगलवार को सीमान्त जनपद चमोली के गैरसैंण में 9 डिग्री तापमान में उत्तराखंड विधानसभा का ‘प्रतीकात्मक सत्र’ आहूत किया गया।
मुख्यमंत्री की भूमिका में प्रोफेसर जीतराम तथा नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में करन माहरा ने सदन से प्रश्न किए। विधानसभा अध्यक्ष के रूप में हेमा पुरोहित ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
गैरसैंण में आयोजित विधानसभा के ‘प्रतीकात्मक सत्र’ में बेरोजगारी, महंगाई, अंकिता भंडारी, भर्ती घोटाले, अग्निवीर योजना, केदारनाथ में सोना चोरी, प्रदेश में बढ़ते बलात्कार के मामले, महिला शोषण, बिगड़ती कानून व्यवस्था, बदहाल स्वास्थ्य सेवाएं, प्रदेश में आंदोलन-प्रदर्शन करते संविदा, उपनल कर्मचारी, आंगनबाड़ी महिलाएं, OPS की मांग कर रहे सेवानिवृत्ति कर्मचारी, परीक्षा छात्र-छात्राएं, रोजगार हेतु युवाओं और अति महत्वपूर्ण मुद्दा भू-कानून पर धामी सरकार पूरी तरह से मौन है और एक ओर नई आबकारी नीति से देवभूमि उत्तराखंड में शराब को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है। दूसरी ओर प्रदेश में खनन एवं भू-माफिया को संरक्षण देने का काम कर रही है।
गैरसैण प्रतीकात्मक विधानसभा सत्र में विधानसभा अध्यक्ष हेमा पुरोहित नेता सदन मुख्यमंत्री प्रोफेसर जीतराम संसदीय कार्य मंत्री रंजीत रावत नेता प्रतिपक्ष, करन माहरा, कैबिनेट मंत्री धीरेंद्र प्रताप गोदावरी थापली,महेंद्र सिंह नेगी गुरुजी आदि,विपक्ष के विधायक मनीष खंडूरी मुकेश नेगी शीशपाल सिंह बिष्ट, समर भंडारी, हरेंद्र कंडारी मोहित उनियाल डीडी कुनियाल आशा लाल जयेंद्र रमोला, सभी जिला अध्यक्ष पूर्व विधायक ललित फर्सवान, गोदावरी थपली, अभिनव थापर, पिया थापा, गिरीश पपने, नवनीत सती, , मोहित उनियाल इंद्रेश मैखुरी, हरीश ऐठानी मदन मिश्रा, समर भंडारी गीता रावत राहुल छिमावल विनोद रावत, अवतार सिंह नेगी, सूरज नेगी, लक्ष्मण रावत, ईश्वर प्रसाद मैखुरी राजेश्वर भंडारी पुष्पा शाह भगत डसीला अन्य नेता एवं प्रदेश पदाधिकारियों के साथ सैकड़ो कार्यकर्ता मौजूद रहे।
प्रतीकात्मक सत्र के ‘नेता विरोधी दल’ करन माहरा ने कहा कि भाजपा की धामी सरकार लगातार प्रदेश के महत्वपूर्ण मुद्दों से भागने का काम करती है और विधानसभा सदन लोकतंत्र का मंदिर है जहां भाजपा ने हमेशा विपक्ष की आवाज को दबाने का काम किया है कांग्रेस ने हमेशा जनहित के मुद्दों पर लड़ाई लड़ी है और उन्हीं मुद्दों को सदन में उठाने का कार्य किया है और गैरसैंण में विधानसभा के ‘प्रतीकात्मक सत्र’ में उठे मुद्दे उत्तराखंड की जनता के दिलों की आवाज है, जिसको गूंगी-बहरी भाजपा की धामी सरकार तक पहुंचाना हमारा कर्तव्य है और कांग्रेस यह काम सदैव करती रहेगी ।
गैरसैंण में आयोजित विधानसभा का ‘प्रतीकात्मक सत्र’ में वे सभी मुद्दे उठाए गए जिनपर धामी सरकार प्रदेश के महत्वपूर्ण मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए यूसीसी, बुलडोजर न्याय और धार्मिक मुद्दों पर अपनी ओछी राजनीति कर रही है।
गौरतलब है कि बजट सत्र गैरसैंण में आयोजित नहीं होने पर पूर्व सीएम हरीश रावत दून में उपवास कर चुके हैं। जबकि मेहरा ने गैरसैंण में प्रतीकात्मक सत्र आहूत कर भाजपा पर निशाने साधे।
बजट पर नेता विपक्ष की प्रतिक्रिया
जट में बजट और दिशा का अभाव है – यशपाल आर्य
देहरादून। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आज का बजट एक असफल सरकार का बजट है। जिसने हर वर्ग को निराश किया। बजट से साफ हो गया है कि, भाजपा की डबल इंजन सरकार में प्रति व्यक्ति आय और विकास की मंजिल केवल मिथ्या प्रचार और जुमलेबाजी है। इसे केवल मानक नारों और प्रेमी शीर्षकों से अपनाया गया है। आर्य ने कहा कि ऐसा अनोखा होता है कि सरकारी घोटालों को विकास, रिकॉर्ड ज़ूडो बेरोज़गारी को विकास, क्रिस्टल को अपराध, नशाखोरी और ज़ुल्म को उथल-पुथल और चरमरायी स्वास्थ्य सुविधाओं को हासिल करना चल रहा है।
किसान, श्रमिक, कर्मचारी, प्रधान मंत्री, शोषित, दलित सहित हर वर्ग पर अत्याचार और स्वार्थ करने के लिए भाजपा ने समृद्धि का मार्ग अपनाया है। लेकिन नागरिक, निजी और मानवीय विवेक का मानना है कि ये विनाश का रास्ता है, समृद्धि का नहीं। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की दृष्टि से जनता को उम्मीद थी कि बजट में कम से कम कुछ की घोषणा की जाएगी। लोगों को आशा थी कि इस बार बेरोजगारी, बेतहाशा टैक्स और आर्थिक मंदी से कुछ राहत मिलेगी। पर कुछ हाथ नहीं लगा।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को लेकर आशान्वित थे और किसान मुख्य रूप से समर्थन मूल्य के लिए थे। रिश्तों को नई शुरुआत की आशा थी, घरों को बजट में महंगाई कम होने की उम्मीद थी। लेकिन सरकार के बजट ने कंपनी आशाओं पर पानी फेर दिया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, इस बजट में अगर कुछ भी मिला तो उस पर कर्ज का भार है। लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि, रोजगार और सरकारी भर्ती आदि तो दूर, इस साल भी सरकार कुल बजट का एक वैकल्पिक ऋण लेकर काम करेगी।
उन्होंने कहा कि, उत्तराखंड में सरकार की नाकामयाबियों की उपलब्धि के नाम पर विश्वास सिर पर उधारी रहेगी। जल्दी सारे रोजगार निजी हो जाएं, बस सरकार ही सरकारी रहेगी। यशपाल आर्य ने कहा कि, सरकार के बजट भाषण में कहा जा रहा है कि प्रदेश में भारी मात्रा में निवेश आ रहा है। लेकिन इसमें नाकामयाब बताया गया है कि, उस निवेश से संबंधित रोजगार को किस जिले में सरकार को बताना चाहिए। विपक्षी नेता ने आरोप लगाया कि, ”ग्लैबल इन्वेस्टर्स कमेटी” के लिए पिछले साल के बजट में 65 करोड़ रुपये का प्राविधान रखा गया था। सरकार ने इस सालवत का आयोजन किया और देश-विदेश में साएरा-सपाटा कर उस पैसे की फिजी जुलार्ची की है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बजट में केवल केंद्र सरकार द्वारा दी गई सहायता का विस्तृत विवरण दिया गया है। प्रदेश सरकार ने अपनी किसी ऐसी योजना का उल्लेख नहीं किया है जो प्रदेश के विकास में सत्य सिद्ध हो। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, कुल मिलाकर ये बजट दिशा दिखाई देती है। बजट में विकास के मुख्य बिंदु लक्ष्य, संभावना, कार्य प्रगति और गतिमान जैसे शब्द तक सीमित रहे। इसमें आज की समस्याओं का समाधान और भविष्य के किसी भी निर्णय को आगे बढ़ाने का कोई रास्ता नहीं दिखता है।
‘अविकल उत्तराखण्ड’ से साभार