‘चिपको’ नाम से ख्यातिप्राप्त आन्दोलन का क्रमिक विकास कैसे हुआ और उसकी अंतिम परिणति क्या हुई, इसका वस्तुगत विश्लेषण किया जाना जरूरी है। हालाँकि ऐसा अध्ययन कोई स्वतंत्र, सक्षम टीम ही कर सकती... Read more
24 नवम्बर को वन संरक्षक माथुर के बुलावे पर राजा बहुगुणा, विश्वनाथ पांडे, प्रकाश बुघानी और मैं उनसे मिलने गये। वे एक ईमानदार अधिकारी थे। मगर उन्होंने हमारे सामने प्रस्ताव रखा कि हम नीलामी होन... Read more