डा अतुल शर्मा
कविता संग्रह मिला /
कमल जोशी की फोटोग्राफी और ट्रैकिंग याद आ गई /
शायद साल भर पहले मैने भाई शेखर पाठक के कहने पर टाउन हॉल देहरादून में उनकी कविताएं पढ़ी थीं / उनपर लिखी अपनी कविता भी सुनाई थी / साथ मे लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी और जनकवि बल्ली सिंह चीमा भी थे मंच पर /
कमल जोशी के साथ यह भी याद आया /
इस कविता संग्रह की भूमिका पुष्पेश पंत जी ने लिखी है / उन्होंने एक जगह लिखा है _”ये इस बात की गवाह है कि वह जीना चाहता था /”
इस संग्रह मे45 कविताये हैं/96 पृष्ठों की यह पुस्तक संभावना प्रकाशन हापुड़ से छपी है /
कविताओं में _ ‘मुझ में है ताकत ‘ कविता ध्यान खींचती है _ ‘मैं औरत हूँ/ मुझमें है ताकत/जन्म देने की ‘/साथ ही कविता ‘ कुछ दिन का सफर ‘ इस तरह मुखर है _ ‘है अजीब सा ये सफर / यहां हो रही सपनों की बारिश / ‘
कविता _ ‘बचने का रास्ता ‘ में यह बात उभरी कि _ ‘तुमसे बचने का एक ही रास्ता है /किताबों की दुनिया मे खो जाना ‘/
कविता _ ‘संवाद सीमांत ., ‘ ‘वसंत फिर आयेगा ‘ आदि मे आत्मविश्वास भी है और सकारात्मक भाव बोध भी / यह सभी कविताओं मे है /
कमल भाई की कविताएं शोर नही मचातीं / ये लगातार गूंजते हुए लोकगीत की तहर लगती हैं /
कविताओ का चयन और संपादन उमा भट्ट और गीता गैरोला ने किया है /
यह कविताये पठनीय भी है और हमेशा अपने पास रखने योग्य भी /