नवीन बिष्ट
विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा के प्रयोगात्मक क्षेत्र हवालबाग में कृषि विज्ञान मेले का आयोजन किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि पद्म भूषण डा. राजेन्द्र सिंह परोदा, पूर्व सचिव कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग, भारत सरकार एवं महानिदेशक-भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद को आमंत्रित किया गया था। मुख्य अतिथि ने संस्थान द्वारा पर्वतीय कृषि पर किये जा रहे शोध कार्यां की सराहना की। शोध कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि संस्थान ने कृषि विशेष रूप से पर्वतीय कृषि को आगे बढ़ाने के क्षेत्र में अद्भुत योगदान दिया है। संस्थान के संस्थापक प्रो. बोसी सेन का स्मरण किया। उनके योगदान को अभूतपूर्व बताया। कहा कि यदि प्रो.सेन यहां नहीं आते तो आज संस्थान का ऐसा स्वरूप नहीं होता। कृषि विविधीकरण पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कृषि विज्ञान मेले का आयोजन पर्वतीय कृषकों के बीच नयी तकनीकों के प्रसार हेतु लाभप्रद है। पर्वतीय कृषि में महिलाओं के योगदान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि खेत का पानी खेत में तथा हर मेड़ पर पेड़ का अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा कृषकों के उत्पादित मोटे अनाजों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जायेगा।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए नगर पालिकाध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी जी ने संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की जा रही वैज्ञानिक पद्वतियों की सराहना करते हुए किसानों से आग्रह किया कि वे इन पद्धतियों का लाभ उठा कर अपनी फसल उपज को बढ़ा सकते हैं। साथ ही उन्होंने संस्थान के वैज्ञानिकों का आह्वाहन किया कि वे जलवायु परिवर्तन के मघ्येनजरठतकनीकियों में बदलाव लाऐं। विशिष्ठ अतिथि डा. सुनील नौटियाल, निदेशक गोविन्द बल्लभ पन्त राष्ट्रीय हिमालयन पर्यावरण संस्थान, अल्मोड़ा ने अपने भाषण में कहा कि यह संस्थान पर्वतीय कृषि तंत्र को मजबूत कर रहा है तथा अपनी विकसित तकनीकों को दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों तक भी पहुंचाने में सफल हो रहा है। गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी के निदेषक प्रसार डा. अनिल कुमार शर्मा, आकाशवाणी अल्मोड़ा के निदेशक रमेश चन्द्रा, मुख्य कृषि अधिकारी धनपत कुमार विचार व्यक्त किए। इसके साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र उत्तरकाशी की प्रशिक्षण पुस्तिका ”प्राकृतिक खेती-कम लागत एवं स्वस्थ पर्यावरण का सरल विकल्प”, संस्थान के प्रसार प्रपत्रों “उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में सिंचित धान की वैज्ञानिक खेती”, “उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्र में सोयाबीन एवं भट्ट की उन्नत खेती” का विमोचन किया गया। मेले के दौरान प्रगतिशील किसान शोबन राम, इन्द्र सिंह रैखवाल, श्री उमेश चन्द्र, मदनमोहन, राहुल सिंह, श्रीमती महेशी देवी, बब्बू लाल आर्या एवं प्रेम पाल जी को पुरस्कृत किया गया। इससे पहले संस्थान के निदेषक डा. लक्ष्मी कान्त ने मुख्य अतिथि, अध्यक्ष, विशिष्ट अतिथियों, आगन्तुकों व कृषकों का स्वागत करते हुए पर्वतीय कृ़षि के क्षेत्र में संस्थान द्वारा किये गए शोध कार्यों तथा विकसित तकनीकों का विवरण दिया गया।
मेले में आयोजित कृषक गोष्ठी में पर्वतीय कृषि से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गयी साथ ही कृषकों की विभिन्न समस्याओं का कृषि वैज्ञानिकों द्वारा त्वरित समाधान किया गया। विभिन्न कृषकों द्वारा अपने अनुभव साझा किये गये। किसान मेले में कृषक गोष्ठी का संचालन डा. बी.एम.पाण्डे, कार्यक्रम का संचालन डा. अनुराधा भारतीय एवं धन्यवाद प्रस्ताव डा. जे.के. बिष्ट, विभागाध्यक्ष ने किया।