‘मेहनतकश’ वेब पत्रिका से साभार
जन सम्मेलन की माँग: बनभूलपुरा हिंसा के बाद रोजगार छिन गए, घायल और गिरफ्तार लोगों के परिजनों को कानूनी प्रशासन मदद दे. साथ ही, किसी भी किस्म की मदद करने जा रहे लोगों को प्रताड़ित करना बंद किया जाय।
हल्द्वानी (नैनीताल)। प्रदेश और देश में साम्प्रदायिक ताकतों से मुकाबला करने के लिए मजबूती के साथ खड़े होने के लिए हल्द्वानी के बुद्धपार्क में जनसम्मेलन का आयोजन किया गया।
बनभूलपुरा की दुर्भावनापूर्ण घटना के बाद बिगड़ी कानून व्यवस्था व उत्पीड़न को सामान्य करने व शान्ति पूर्ण माहौल बनाने के लिए राज्य के सामाजिक-राजनीतिक संगठन लगातार सरकार से अनुरोध कर रहे हैं। लेकिन अभी भी पुलिस प्रशासन द्वारा भयमुक्त वातावरण बनाकर जनता को राहत, रिपोर्टिंग का अधिकार, घायलों को समुचित उपचार की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है।
वक्ताओं ने कहा कि, भाजपा की मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही साम्प्रदायिक विभाजन लगातार तेज होता जा रहा है। बनभूलपुरा कोई अलग-थलग घटना नहीं, बल्कि भाजपा के फासिस्ट प्रोजेक्ट का विस्तार है, जिसको राज्य के मुख्यमंत्री धामी ने लैंड जेहाद जैसा असंवैधानिक और सांप्रदायिक नाम दिया था। इसलिए आगामी लोकसभा चुनाव में इस सरकार की विदाई के लिए सभी को एकजुट होकर काम करने की जरूरत है।
जन सम्मेलन से मांग की गई कि, बनभूलपुरा हिंसा के बाद रोजगार छिन गए, घायल, गिरफ्तार लोगों के परिजनों को कानूनी मदद प्रशासन स्वयं करे और किसी भी किस्म की मदद करने जा रहे लोगों को प्रताड़ित करना बंद किया जाय।
सम्मेलन से केंद्र की मोदी सरकार से सीएए एनआरसी को वापस लेने की मांग का प्रस्ताव पारित किया गया। इसमें कौमी एकता मंच के घटक विभिन्न सामाजिक -राजनीतिक जनसंगठनों के साथी व सर्व सेवा संघ से जुड़े सम्मानित गांधीवादी नेताओं ने कार्यक्रम में भागीदारी की। जन सम्मेलन में मुख्य रूप से चंदन पाल अध्यक्ष सर्व सेवा संघ वर्धा, शेख हुसैन ट्रस्टी सर्व सेवा संघ मुम्बई, भाकपा माले केन्द्रीय कंट्रोल कमीशन के चेयरमैन राजा बहुगुणा, अजीत अंजुम मंत्री सर्व सेवा संघ जमशेदपुर, दीपक ढोलकिया पूर्व कन्वीनर आईकैन, दिल्ली, मणिमाला गांधी दर्शन समिति की पूर्व निदेशक दिल्ली, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के प्रभात ध्यानी, माले ज़िला सचिव डा कैलाश पाण्डेय, क्रालोस के पी पी आर्या, उत्तराखंड सर्वोदय मंडल अध्यक्ष इस्लाम हुसैन, पछास के महेश, उत्तराखंड महिला मंच की बसंती पाठक, हीरा जंगपांगी, किसान महासभा नेता बहादुर सिंह जंगी, सदभावना समिति के भुवन पाठक, ऐक्टू प्रदेश महामंत्री के के बोरा, इंकलाबी मजदूर केंद्र के कैलाश भट्ट, अंबेडकर मिशन अध्यक्ष जी आर टम्टा, वन पंचायत संघर्ष मोर्चा के तरुण जोशी, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की बिंदु गुप्ता, मज़दूर सहयोग केन्द्र के हरेंद्र सिंह, आइसा जिलाध्यक्ष धीरज कुमार, सदभावना समिति के अजय जोशी, चंदन, सुरेंद्र, शिवदेव सिंह, मुकेश भंडारी, सुंदर लाल बौद्ध, उमेश तिवारी विश्वास, दिनेश उपाध्याय, प्रभात पाल, उत्तराखंड आचार्य कुल के अध्यक्ष विजय शंकर शुक्ला, रामधीरज अध्यक्ष उत्तर प्रदेश सर्वोदय मण्डल बनारस, यशवीर आर्य अध्यक्ष देहरादून सर्वोदय मण्डल, सर्वोदयी एच एस कुशवाहा देहरादून, आचार्य सोम प्रताप गहलौत सोशलिस्ट विचारक मेरठ, चौधरी विजयपाल सिंह, सुरेन्द्र लाल आर्य मंत्री उत्तराखंड सर्वोदय मण्डल फौजी, माले नेता ललित मटियाली आदि शामिल रहे।
संचालन प्रगतिशील महिला एकता केंद्र व कौमी एकता मंच की संयोजिका रजनी जोशी ने किया। कौमी एकता मंच के तत्वाधान में आयोजित जन सम्मेलन में सर्व सेवा संघ, उत्तराखंड सर्वोदय मंडल, भाकपा-माले, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, इंकलाबी मजदूर केंद्र, ऐक्टू, भीम आर्मी भारत एकता मिशन, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, किसान महासभा, समाजवादी लोक मंच, मजदूर सहयोग केंद्र, वन पंचायत संघर्ष मोर्चा, उत्तराखंड महिला मंच, जनवादी लोक मंच, क्रांतिकारी किसान मंच, सदभावना समिति, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, प्रगतिशील भोजनमाता संगठन, महिला किसान अधिकार मंच आदि संगठन शामिल रहे।