प्रदेश में कृषि भूमि वैसे ही 13 प्रतिशत से कम है और अगर शासन-प्रशासन का यही रवैया रहा तो बची खुची जमीन भी भू माफियाओं और धन्ना सेठों के हाथ में चली जायेंगी और काश्तकारों की उन जमीनों पर अन्न... Read more
17 साल पहले गैरसैंण में यदि राजधानी बन जाती तो निश्चित रूप से प्रशासनिक कार्य पद्धति में कोई बदलाव आता। एक नयी कार्य संस्कृति विकसित होती। पर अब तो प्रशासन में पूरी तरह उ.प्र. की ही भ्रष्टाच... Read more
भारत का किसान आंदोलन आज एक नई करवट ले रहा है। एक तरफ देश में सत्तासीन भाजपा देश को कारपोरेट फासीवादी शासन की दिशा में धकेलने के लिए जोर लगाए है तो दूसरी ओर इन नीतियों से तबाह देश का किसान आं... Read more
गुजरे दो-ढ़ाई दशकों से गुजरात की पहचान ‘हिंदुत्व की प्रयोगशाला’ के रूप में रही है। समझ है कि वहां संघ परिवार ने हिंदुत्व के पक्ष में राजनीतिक बहुमत जुटाने के सफल प्रयोग किए और फिर उन्हें सार... Read more