सोचिये, अगर उत्तराखंड का हर किसान लकड़ी के परम्परागत हलों के स्थान पर वी. एल. स्याही हल उपयोग में लाने लगे तो प्रदेश में हर साल लगभग 2 लाख 40 हजार चौड़ी पत्ती वाले पेड़ कटने से बच जायेंगे। पर्य... Read more
जो टेक्नोलॉजी इंसानों को बे-काम बनाती है, संभव है वही न्यूनतम आय की किसी वैश्विक योजना के तहत उन्हें खिलाने और जिंदा रखने में काम आ जाए। मगर उसके बाद असल समस्या ऐसे लोगों को व्यस्त और संतुष्... Read more
प्रदेश में कृषि भूमि वैसे ही 13 प्रतिशत से कम है और अगर शासन-प्रशासन का यही रवैया रहा तो बची खुची जमीन भी भू माफियाओं और धन्ना सेठों के हाथ में चली जायेंगी और काश्तकारों की उन जमीनों पर अन्न... Read more
‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ से जुड़ी मेधा पाटकर ने उत्तराखंड में बनने वाले पंचेश्वर बांध के बारे में भी खुल के बात की। उन्होंने कहा ‘हम लोग नर्मदा को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं और पहाड़ के लोगों को महा... Read more
‘उत्तराखंड महिला सम्मेलन’ में प्रतिभाग करने हल्द्वानी पहुंची, ‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ की मशहूर एक्टिविस्ट मेधा पाटकर ने उत्तराखंड में प्रस्तावित 311 मीटर ऊंचाई वाले दुनि... Read more
17 साल पहले गैरसैंण में यदि राजधानी बन जाती तो निश्चित रूप से प्रशासनिक कार्य पद्धति में कोई बदलाव आता। एक नयी कार्य संस्कृति विकसित होती। पर अब तो प्रशासन में पूरी तरह उ.प्र. की ही भ्रष्टाच... Read more
‘जब सभ्यता बहुत सभ्य हो जाती है तो वह अपनी प्राचीनता को हीन समझ कर उससे पीछा छुड़ाना चाहती है। हम बातें तो हमेशा लोक की करते हैं, पर व्यक्तिगत जीवन अभिजात्य वर्ग जैसा जीना चाहते हैं। गढ़वाली औ... Read more
भारत का किसान आंदोलन आज एक नई करवट ले रहा है। एक तरफ देश में सत्तासीन भाजपा देश को कारपोरेट फासीवादी शासन की दिशा में धकेलने के लिए जोर लगाए है तो दूसरी ओर इन नीतियों से तबाह देश का किसान आं... Read more
-ओ.पी. पांडेय अब कल का वाकया ही देखा तो समझ आया धन, दौलत, ताकत का नशा सबका चूर होता है और समय के आगे झुकना ही होता है। जब गर्दिश आती है तो बड़े से बड़ा ताकतवर घुटने टेक देता है और विनम्र हो ज... Read more