चन्द्रशेखर तिवारी सन 1915 से लेकर 1946 तक गांधी जी का पांच बार उत्तराखण्ड में आगमन हुआ और वे काफी समय तक यहां रहे भी। ‘सच्चा हिमालय तो हमारे हृदय में है, इस हृदय रुपी गुफा में छिपकर उस... Read more
प्रमोद साह यूं तो भारत सहित दुनिया की अधिकांश प्राचीनतम सभ्यताएं चीन,मिश्र, यूनान तथा आदिवासी अफ्रीकी समाज में पर्यावरण चेतना का स्तर प्राचीन समय में बहुत ऊंचा था। सभी सभ्यताओं ने प्रकृति को... Read more
प्रमोद साह पंचायत चुनाव के दौरान प्रख्यात गांधीवादी चिंतक सर्वोदय कार्यकर्ता और बीज बचाओ आंदोलन के प्रणेता 80 वर्षीय धूम सिंह नेगी जी से उनके घर कठिया तोक ग्राम पिपलेथ खाडी़ टिहरी गढवाल में... Read more
जयसिंह रावत मोहनदास कर्मचन्द गांधी जब अप्रैल 1915 में कुम्भ के अवसर पर गुरुकुल कांगड़ी के संस्थापक मुन्शी राम से मिलने हरिद्वार पहुंचे तो वह इस महान व्यक्तित्व और कुंभ की भव्यता से तो अविभूत... Read more
तारा चन्द्र त्रिपाठी आज अधिकतर छात्र और उससे भी अधिक उसके अभिभावक उनका पाल्य क्या पढे़, अधिकतम अंक कैसे प्राप्त करे, किस संस्थान में विशिष्ट अध्ययन की तैयारी करे और वह किस पद या व्यवसाय में... Read more
अरुण कुकसाल गुरु भवन, पौड़ी के ललित कोठियाल [incor]जी तुम्हें गए आज एक साल हो गया है। ये हमें मालूम था कि तुम कब-कहां चले जाते थे किसी को खबर भी नहीं होती थी। वैसे, तुम बताते भी तो किसको। दु... Read more
दिनेश जुयाल ‘आज भी मन की अंधेरी घाटियों में एक जुगनू सा चमकता है तुम्हारा नाम’…. रैमजे कॉलेज अल्मोड़ा के सभागार में जब देश के विभिन्न भागों से जुटे लोग शमशेर बिष्ट को उनकी पहली पुण्यतिथ... Read more
नवीन जोशी बाईस सितम्बर को अल्मोड़ा में शमशेर की याद में हुई बहुत अच्छी जुटान ने दो बातें स्पष्ट कीं. पहली यह कि उत्तराखण्ड और उसके बाहर भी शमशेर का बहुत सम्मान था. बहुत सारे लोग उसे सामाजिक-र... Read more
इन्द्रेश मैखुरी उत्तराखंड में 2 अक्टूबर हर बार एक टीस की तरह आता है.यह दिन याद दिलाता है कि 1994 में उत्तराखंड राज्य की मांग के लिए दिल्ली जा रहे आन्दोलनकारियों पर उत्तर प्रदेश की मुलायम सिं... Read more
विवेकानंद माथने मनुष्य जीवन का ध्येय क्या है? परम साम्य की प्राप्ति। ‘अभिधेयं परम साम्यम्’।.. अभिधेय कुल जीवन के चिंतन का विषय है। जिस दिशा में जीवन के समुचे चिंतन को ले जाना है, जिसमें चिं... Read more