राजेन्द्र भटृ नक्कारखाने में तूती – 6 लंबे अंतराल तक किसी अनिष्ट की आशंका जैसी जड़ता-हताशा मन पर छाई थी। मित्र लोगों की प्रेरणा, दिलासों और फिर थोड़ा चिढ़े हुए उलाहनों के बावजूद नहीं टूटी; ... Read more
प्रमोद साह 13 जनवरी 1921 मकर संक्रांति के दिन बागेश्वर के सरयूबगड़ में दस हजार से अधिक आजादी के दीवानों ने गुलामी और कलंक के प्रतीक कुली बेगार के रजिस्टर को सरयू नदी में प्रवाहित कर दिया और फ... Read more
डॉ0 नंद किशोर हटवाल उत्तराखण्ड के लोगों के लिए चन्द्र सिंह राही का अर्थ है एक ऐसी आवाज जिसमें पहाड़ तैरते थे। उनके गले से लहरें उठती थी और उत्तराखण्ड का पहाड़ उसमें समा जाता था। राही के सुरों... Read more
अरुण कुकसाल ‘कल्यो कंडी, बकम डंडी, आ ग्या मंगी नंग्या-नगीं’ नयार पार करते हुए ससुराल से वापस आ रहे व्यक्ति की कल्यो कंडी के साथ-साथ सारी लट्टी-पट्टी बहने की घटना के बाद यह तुकबंद... Read more
इद्रेश मैखुरी वाह फ़ैज़ साहब,क्या कहने आपके. आपकी शायरी,आपकी नज़्में क्या तूफान मचाये हुए हैं. उत्तर प्रदेश में एक ऐसे बुजुर्ग को शांति भंग का नोटिस दिया गया है,जिनका इंतकाल हुए 6 बरस बीत चुके... Read more
केशव भटृ बीते दिन पिंडरघाटी के अंतिम गांव खाती के तारा सिंह उर्फ ‘तरदा’ से मुलाकात हुवी. वो अपनी बिटिया को कॉलेज पहुंचाने के लिए बागेश्वर तक आए थे. क्या हाल हैं गांव के…. प... Read more
मृगेश पाण्डे दो साल पहले अपनी पत्नी मंजुला के हिंदी में शोध साक्षात्कार में प्रोफ़ेसर गंगाप्रसाद विमल के आने की खबर डी एस बी कैंपस में हिंदी विभाग की मुखिया बहिन नीरजा टंडन ने फ़ोन कर बताई... Read more
चार्ली चैप्लिन चार्ली ने अपनी नृत्यांगना बेटी को एक मशहूर खत लिखा। कहा मैं सत्ता के खिलाफ विदूषक रहा, इसलिए तुम भी गरीबी जानो, मुफलिसी का कारण ढूंढो, इंसान बनो, इंसानों को समझो, जीवन में इंस... Read more
राजीव लोचन साह महात्मा गांधी के 1929 के दौरे से ही ब्रिटिश सरकार चैकन्नी हो गई। उसे लगने लगा कि गोविन्दनगर ताकुला बगावत का एक नया केन्द्र बनने जा रहा है। जैसा कि गोविन्द लाल साह सलमगढ़िया ने... Read more
राजीव लोचन साह 1990 का साल था। अक्टूबर का महीना। मण्डल- कमण्डल में पूरा देश झुलस रहा था। छात्र आक्रामक ढंग से आन्दोलित थे। आत्मदाह की घटनायें हो रही थीं। आन्दोलन की लपटें नैनीताल में भी पहुँ... Read more