पृथ्वी राज सिंह एक समय था हमारे पास फुल टाइम नेता होते थे। एक पधान होता था, एक सरपंच होता था मानो मानद उपाधि हो, व्यक्ति का उपनाम होता था। गांव की राजनीति में वह न तो इस पद से ऊपर जाता था, न... Read more
मृगेश पांडे बृजेंद लाल साह के बहुचर्चित नाटक त्रिशंकु का एक संवाद याद आता है।……सुविधा, अवसर, समझौता, और तटस्थता। जो न चल सका इन चार रास्तों पर वह हो गया त्रिशंकु बन गया। 17 सितम्... Read more
जयसिंह रावत मोहनदास कर्मचन्द गांधी जब अप्रैल 1915 में कुम्भ के अवसर पर गुरुकुल कांगड़ी के संस्थापक मुन्शी राम से मिलने हरिद्वार पहुंचे तो वह इस महान व्यक्तित्व और कुंभ की भव्यता से तो अविभूत... Read more
रमेश कुमार मुमुक्षु जब कभी ग्रामीण विकास के विभिन्न आयामों की चर्चा होती है। ग्रामीण कुटीर उद्योग एवं स्थानीय संसाधन के समझदारी से उपयोग की बात होती है। पर्यावरण एवं प्राकृतिक जीवन की चर्चा... Read more
तारा चन्द्र त्रिपाठी आज अधिकतर छात्र और उससे भी अधिक उसके अभिभावक उनका पाल्य क्या पढे़, अधिकतम अंक कैसे प्राप्त करे, किस संस्थान में विशिष्ट अध्ययन की तैयारी करे और वह किस पद या व्यवसाय में... Read more
अरुण कुकसाल गुरु भवन, पौड़ी के ललित कोठियाल [incor]जी तुम्हें गए आज एक साल हो गया है। ये हमें मालूम था कि तुम कब-कहां चले जाते थे किसी को खबर भी नहीं होती थी। वैसे, तुम बताते भी तो किसको। दु... Read more
देवेश जोशी सळौ डारि ऐ गैना, डाळि बोटि खै गैना। फसल पात चाटि गैना, बाजरो खाणों कै गैना। सळौ डारि डांड्यूं मा, बैठि गैन खाड्यूं मा। हात झेंकड़ा लीन, सळौ डारि हांकी दीन। काकी पकाली पलेऊ, काका ह... Read more
जितेन्द्र भट्ट “वी विल वॉचिंग यू”। जब उस बच्ची ने ये बात कही, तो इन छोटे छोटे चार शब्दों की गहराई उसके चेहरे के हावभाव में साफ साफ पढ़ी जा सकती थी। उम्र सोलह साल। बिल्कुल साधारण... Read more
दिनेश जुयाल ‘आज भी मन की अंधेरी घाटियों में एक जुगनू सा चमकता है तुम्हारा नाम’…. रैमजे कॉलेज अल्मोड़ा के सभागार में जब देश के विभिन्न भागों से जुटे लोग शमशेर बिष्ट को उनकी पहली पुण्यतिथ... Read more
शंकर सिंह भाटिया भाजपा की इस समय तिहरी सरकार है। केंद्र, उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड में भाजपा सत्ता में है। शर्मनाक मुजफ्फरनगर कांड समेत खटीमा, मसूरी और दूसरी जगहों पर उत्तराखंड आंदोलन के दौ... Read more