केशव भट्ट
नैनीताल जिले में काठगोदाम थाना पुलिस का वाहन ज्योलिकोट के वीरभट्टी के पास खाई में गिरने से उसमें सवार ड्राईवर नंदन और एक सिपाही ललित की मौके पर ही जीप के नीचे दबने से मौत हो गई है. दुघर्टना में एस.ओ. नंदन सिंह रावत, एस.आई. माया बिष्ट गंभीर रूप से घायल हैं. जिनका ब्रजलाल अस्पताल में ईलाज चल रहा है. ये पुलिसकर्मी राज्यपाल के कार्यक्रम में ड्यूटी से नैनीताल से वापस लौट रहे थे.
बताया जा रहा है कि जीप के ब्रैक फेल होने पर चालक ने जीप को पहाड़ी से टकराकर रोकने की कोशिश की लेकिन जीप के पलटने से ये भीषण हादसा हो गया.
एक बड़ा सवाल ये उठता है कि पुलिस में ‘एमटी’ विभाग के होने के बाद भी गाड़ियों की ये हालत क्यों होती होगी. जबकि ‘एमटी’ विभाग का काम वाहनों की आवाजाही, किलोमीटर, तेल-खर्चे के सांथ ही उनकी देखरेख का जिम्मा होता है. बड़े अधिकारियों की गाड़ियां तो तय किलोमीटर के बाद सर्विस होती रहती हैं, लेकिन चौकी, थाने, कोतवाली और जवानों को ढोने वाली गाड़ियों की सर्विसिंग क्या सिर्फ कागजों में ही होती होगी..?
वाहन के ब्रैक फेल होने के बाद जो जिंदगियां चली गई हैं, उनकी भरपाई तो हो नहीं सकती और न ही उनके परिवार के दु:ख को ताउम्र कम किया जा सकता है. नेताओं के सांथ ही विभाग द्वारा संवेदना भी कुछेक अर्से बाद विलीन हो जाएगी, रह जाएगा तो उन परिवारों के पास दु:खों का पहाड़ ढोने का जिंदा रहने तक का अंतहीन सिलसिला…!!