(इतिहासकार युवाल नोआ हरारी चेताते हैं कि फ़ासीवादियों को पहचानना आज इतना भी आसान नहीं है। वे हमेशा राक्षसी छवि के साथ सामने नहीं आते। हरारी बताते हैं कि 21वीं सदी के फ़ासीवादी वैसे नहीं हैं, ज... Read more
जो टेक्नोलॉजी इंसानों को बे-काम बनाती है, संभव है वही न्यूनतम आय की किसी वैश्विक योजना के तहत उन्हें खिलाने और जिंदा रखने में काम आ जाए। मगर उसके बाद असल समस्या ऐसे लोगों को व्यस्त और संतुष्... Read more