महिपाल नेगी चलिए मान लेते हैं कि 4 साल बाद अग्निवीर कहीं और सेटल हो जाएंगे। लेकिन बड़ा सवाल तो यह है कि इससे सेना कैसे सेटल रह सकेगी। सेना क्या आयाराम – गयाराम के लिए धर्मशाला है, जो 4... Read more
चंद्र शेखर तिवारी उत्तराखंड का एक बाजूबंद गीत जिसमें पहाड़ के काश्तकार पति पत्नी के खेती-पाती व पशुपालन के काम में एक-दूजे को परस्पर सहयोग करने की प्रबल भावना का सुंदरतम चित्रण हुआ है। उत्तरा... Read more
देवेश जोशी उचाणा को मेरो मैर, कनो पड़े गंगाळ! बग्द-बग्द मैर गए देवप्रयाग बेड़, हेरी हेरी दिदा ऐग्यूं रीति घर! हे शोभनू धुनार, मेरा मैर छलैइ दे! निरभागी मैर यो गंगाळ पड़ीगे। नौ मण साट्यों कू उध... Read more