चंदन बंगारी लंबी बीमारी के बाद पर्वतीय साहित्यकार और कुमाऊँनी पत्रिका दुदबोली के संपादक और ‘चंद्रकुंवर बर्त्वाल स्मृति सम्मान’ से सम्मानित मथुरादत्त मठपाल जी नहीं रहे। आऊंगा ह्यू... Read more
ताराचन्द्र त्रिपाठी कभी-कभी, जब, में पेट की भाषाओं के दबाव तले दम तोड़ती भाषाओं के बारे में चिन्तन करता हूँ तो मुझे घुटन सी होने लगती है. मुझे लगता है कि जिस प्रकार हम अपनी बोलियों की उपेक्... Read more
चन्द्रशेखर तिवारी पहाड़ के उच्च शिखर, पेड़-पौंधे, फूल-पत्तियां, नदी-नाले और जंगल में रहने वाले सभी जीव-जन्तुओं के साथ मनुष्य के सम्बन्धों की रीति उसके पैदा होने से ही चलती आयी है। समय-समय पर... Read more
देवेश जोशी तीन दिन से नमक का स्वाद नहीं चखा था। सब कुछ था पर नमक नहीं। होता भी कैसे? आखिर नई दिल्ली स्थित एम्स का हार्ट पेशेंट वार्ड जो था। माँ, बहिन के साथ तीमारदार बन साथ थी। एम्स के कठोर... Read more