हिमांशु जोशी किताब आधुनिक भारत का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज बन गई है, जो समाज को उसकी सच्चाई दिखा समाज के बनावटी मुंह पर तमाचा भी है. गुलज़ार साहब की कुछ चंद लाइनों से शुरू हुई ये किताब आपको इ... Read more
नवीन पाँगती कोरोना के संदर्भ में देखें तो उत्तराखंड के पहाड़ों की स्तिथि डरावनी लगती है। कहीं कोई तैयारी नहीं दिखती। अखबारों की मानें तो अल्मोड़ा में 32 वेनटीलेटर हैं पर उन्हें चलाना किसी क... Read more
राजशेखर पंत हर बड़ी विभीषिका ने समाज को बदला है. यूं तो समाज और उससे जुड़ा हर पहलू समय के साथ-साथ हमेशा बदलते रहते हैं, ठीक वैसे ही जैसे प्रकृति की हर जैविक संरचना बदलती है. पर यह परिवर्तन इतन... Read more
डॉ ऐ. के. अरुण कोरोनावायरस संक्रमण के थमने की फिलहाल तो कोई सम्भावना नहीं लगती। यदि मान लें कि कुछ समय के लिए संक्रमण के मामले प्रकाश में नहीं आ पाए तो भी इससे निश्चित नहीं हुआ जा सकता। कोरो... Read more
अमरीक पंजाब सरकार का यह […] Read more
कोरोना संकट पर्यावरण सुधार का एक सौ-साला अवसर भी है जिसके ज़ाया चले जाने की पूरी आशंका है गोविंद पंत ‘राजू’ इन दिनों कोरोना की तमाम त्रासदियों से जूझते हमारे शहरों के लोग सुबह-शा... Read more