विनीता यशस्वी
नैनीताल जनपद के रामगढ़ क्षेत्र में 18 व 19 अक्टूबर को जो आपदा आयी उसकी डरावनी यादें तो अभी भी लोगों के जेहन में बनी हुई हैं। उस आपदा से जो बरबादी हुई है उससे लोग उबर नहीं पा रहे हैं। प्रकृति ने अपना कहर जिस तरह रामगढ़ के ऊपर बरपा किया, उससे यह कहना गलत नहीं होगा कि इस आपदा ने रामगढ़ के अस्तित्व पर ही सवालिया निशान खड़े कर दिये हैं। रामगढ़ के स्थानीय निवासी अभी भी अपने और गांव के अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं।
इस आपदा में रामगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत बोहराकोट के तोक खोपा एवं अन्य जगह में भूस्खलन और पहाड़ी के दरकने से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं। इस कारण इन लोगों के लिये भविष्य में भी खतरे की आशंका बढ़ गयी है। इस आपदा में कई परिवार बेघर हो गये और दो लोगों की मृत्यु भी हो गयी। इस भूस्खलन ने तल्ला और मल्ला रामगढ़ के लोगों को बुरी तरह प्रभावित किया है।
इसी सिलसिले में रामगढ़ वासी 8 नवम्बर को जिलाधिकारी से मिलने के लिये नैनीताल मुख्यालय आये और उनकी जो मांगें हैं उस बावत जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में क्षेत्रवासियों की शासन से सिर्फ इतनी ही मांग थी कि इलाके में बृहद निर्माण को अभी रोका जाये और उससे पहले पूरे इलाके का जियोलाॅजिकल सर्वे कराया जाये और फिर उसी आधार पर इस इलाके का ट्रीटमेंट किया जाये।
जिलाधिकारी के व्यस्त होने के कारण उपजिलाधिकारी प्रतीक जैन को ज्ञापन सौंपा गया और स्थानीय निवासियों ने अपनी परेशानियां उपजिलाधिकारी को बतायी। उपजिलाधिकारी ने आश्वासन दिया है कि वो इस इलाके को दौरा करेंगे और साथ में फाॅरेस्ट और पी.डब्ल्यू. डी आदि विभाग के अधिकारियों को भी अपने साथ लायेंगे। उपजिलाधिकारी ने आश्वस्त करते हुए कहा है कि ग्रामीणों एवं क्षेत्र के लिये जो भी संभव मदद होगी उसे करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी ऐसा कार्य उस क्षेत्र में न किया जाये, जिससे फिर किसी खतरे की आशंका बढ़े। उप जिलाधिकारी से बैठक के बाद रामगढ़वासियों ने नैनीताल समाचार में नैनीताल नगर के जागरूक लोगों के साथ एक बैठक भी की।
11 नवम्बर 2021 को अपने वादे अनुसार एस.डी.एम. प्रतीक जैन ने भू वैज्ञानिक, तहसीलदार, पटवारी, पी.डब्ल्यूडी. टीम, उद्यान विभाग, ब्लाॅक सदस्य व पुलिस की टीम के साथ इस पूरे क्षेत्र का दौरा किया। ग्राम वासियों ने उपजिलाधिकारी को आपदा के बाद पैदा हुई समस्याओं से अवगत करवाया और मांग की कि जिन ग्रामवासियों का पानी अभी तक सुचालित नहीं किया गया है उसे जल्द ही शुरू किया जाये क्योंकि इस समय उन्हें पीने के पानी की समस्या भी पैदा हो गयी है।
ग्राम वासियों ने अपने क्षेत्र का दौरा करवाते हुए उपजिलाधिकारी से मांग की कि जो नाला मलबे से पट गया है उसे जल्दी ही खोला जाये जिससे की पानी का बहाव सही तरीके से हो सके नहीं तो आने वाले वक्त में ये एक बड़ी आपदा का कारण बनेगा। ग्रामीणों ने भारी-भरकम मशीनों से काम किये जाने पर रोक लगाने माँग की व क्षेत्र के जियोलाॅजिकल सर्वे की मांग पुनः दोहराई।
उपजिलाधिकारी प्रतीक जैन ने आश्वासन दिया है कि फिलहाल मशीन से सड़क का कार्य नहीं किया जायेगा व पहाड़ के मलबे को छेड़ा नहीं जायेगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वे पता करवायेंगे कि यह जमीन किसी की व्यक्तिगत सम्पत्ति है या सरकारी। जल्दी ही एक जियोलाॅजिकल टीम पूरे क्षेत्र का अध्ययन करके अपनी रिपोर्ट सौंपेगी और उसके बाद ही आगे की रणनीति तय की जायेगी।
उपजिलाधिकारी प्रतीक जैन ने आश्वासन दिया है कि फिलहाल मशीन से सड़क का कार्य नहीं किया जायेगा व पहाड़ के मलबे को छेड़ा नहीं जायेगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वे पता करवायेंगे कि यह जमीन किसी की व्यक्तिगत सम्पत्ति है या सरकारी। जल्दी ही एक जियोलाॅजिकल टीम पूरे क्षेत्र का अध्ययन करके अपनी रिपोर्ट सौंपेगी और उसके बाद ही आगे की रणनीति तय की जायेगी।