अपनी तरह के पहले तीन दिवसीय पौड़ी बाल फिल्म महोत्सव का आयोजन पौड़ी ऑडिटोरियम में हुआ, इस महोत्सव की सभी जिम्मेदारियां बच्चों की पौड़ी बाल फिल्म महोत्सव समिति (जिसमें शहर के विभिन्न विद्यालयों के बच्चे शामिल थे) द्वारा उठाई गई। जिलाधिकारी श्री आशीष चौहान के मार्गदर्शन में पहले दिन 17 जून को पहले सत्र में बारामासा टीम द्वारा बनाई डॉक्यूमेंट्री फिल्म “रम्माण” दिखाई गई। लगभग 30 मिनट की यह डॉक्यूमेंट्री रम्माण उत्सव पर आधारित है । उत्तराखंड के चमोली जिले के सलूड़ गांव में प्रतिवर्ष वैशाख (अप्रैल) में आयोजित होने वाला उत्सव है। यह उत्सव युनेस्को की विश्व धरोहर सूची में सम्मिलित है। रामायण से जुड़े प्रसंगों के कारण इसे “रम्माण” उत्सव कहते हैं। आज पहली बार कई दर्शकों को इस उत्सव के बारे में पता लगा। फिल्म देखने के बाद निर्माता बारामासा टीम के संस्थापक राहुल कोटियाल ने बच्चों के साथ इस फिल्म से जुड़े तथ्यों पर बातचीत की। साथ ही उन्होंने “सोशल मीडिया और किशोर” विषय पर अपने विचार रखे। सोशल मीडिया के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पक्षों को ध्यान मे रखते हुए उसके बेहतर इस्तेमाल की बात राहुल ने अपने व्याख्यान में कही जिससे बेहतर समाज का निर्माण हो सके नाकि नकारात्मकता को बढ़ावा मिले। आखिरी सत्र में अलग अलग विद्यालयों से आए बच्चों ने अपनी जिज्ञासा अनुसार फिल्मों, पत्रकारिता, रम्माण, बारामासा के अन्य कामों और भविष्य को लेकर बहुत से प्रश्न किए, जिनका जवाब मेहमान राहुल द्वारा दिया गया। राहुल ने अपनी बातचीत में बच्चों को अपने सपनों का पीछा करने को प्रेरित किया।
दूसरे दिन 18 जून को जिलाधिकारी महोदय की उपस्थिति में सबसे पहले युवा साथी प्रियंका ने जेंडर समानता पर अपनी बात रखी। उसके बाद आज की फिल्म 95 वें ऑस्कर पुरस्कार से सम्मानित डॉक्यूमेंट्री फिल्म “द एलिफेंट व्हिस्पेरर्स” की स्क्रीनिंग की गई । लगभग 42 मिनट की यह फिल्म मानव और हाथी के बीच के संबंधों को दर्शाती हुई एक भावुक फिल्म है। एक सच्ची कृति है जो हाथियों की सुंदरता और बुद्धिमत्ता और उनकी रक्षा के महत्व को दर्शाती है। शक्तिशाली कहानी और आश्चर्यजनक दृश्यों के माध्यम से, यह फिल्म दर्शकों को हाथियों और उनके प्रति समर्पित व्यक्तियों की दुनिया में यात्रा पर ले जाती है । दूसरे सत्र में डॉक्यूमेंट्री के सिनिमेटोग्राफर करन थपलियाल जिन्होंने की नेटफिलिक्स, हिस्ट्री, नेशनल जोग्रफी जैसे बहुत से चैनलों के साथ किया है, ने सिनेमा की दुनिया में संभावनाओं और चुनौतियों पर अपनी बात रखी। बच्चों ने अपनी जिज्ञासा अनुसार फिल्मों, उनके अनुभवों, करियर से संबंधित व अन्य कामों और भविष्य को लेकर बहुत से प्रश्न किए जिनका जवाब मेहमान करण थपलियाल जी द्वारा दिया गया। करन ने अपनी बातचीत में बच्चों द्वारा आयोजित इस फिल्म महोत्सव की प्रसंशा की और कहा की वह इसका हिस्सा बनकर बहुत खुश महसूस कर रहे हैं। उन्होंने फिर से इस फिल्म महोत्सव में आने की इच्छा जाहिर करी।
तीसरे दिन 19 जून की शुरुआत अपर शिक्षा निदेशक गढ़वाल श्री महावीर सिंह बिष्ट जी के प्रेणादायक उदबोधन से हुई । उसके पश्चात आशीष नेगी द्वारा “कला और जीवन” पर बात रखी। तत्पश्चात पांडवास ग्रुप की एक्सपेरिमेंटल मूवी “यकुलांस” दिखाई गई। 28 मिनट की यह फिल्म सुदूर पहाड़ों मे रह रहे एक बुड़े व्यक्ति के एकाकीपन की कहानी है, पहाड़ों में हुए अंधाधुंध पलायन और उसके पीछे रह गए अकेलेपन को बहुत ही मार्मिक रूप में दर्शाती यह फिल्म एक अनोखे फिल्मी प्रयोग को भी दर्शाती है। फिल्म देखने के बाद निर्माता पंडवास टीम के संस्थापक ईशान डोभाल, कुणाल डोभाल, सलिल डोभाल ने बच्चों के साथ इस फिल्म से जुड़े तथ्यों पर बातचीत की। साथ ही उन्होंने “फिल्म निर्माण और सामाजिक मुद्दे” विषय पर अपने विचार रखे।
आखिरी सत्र में अलग अलग विद्यालय से आए बच्चों ने अपनी जिज्ञासा अनुसार फिल्मों, टाइम मशीन सीरीज के साथ अन्य कामों और भविष्य को लेकर बहुत से प्रश्न किए जिनका जवाब मेहमान आए तीनों भाइयों ने बखूबी दिया। अपनी बातचीत में तीनों भाइयों ने यह बात कही कि जो भी आप अपनी ज़िंदगी में करना या बनना चाहते हैं उसके लिए पूरी शिद्दत से काम करने की जरूरत है।
महोत्सव की खूबी ये थी कि महोत्सव के टेक्निकल काम से लेकर मंच संचालन, बैनर आईकार्ड , महोत्सव के इंट्रो विडियो ,प्रश्न काल से लेकर सारी व्यवस्थाएं बच्चों के द्वारा बखूबी निभाई गई । इसके साथ साथ तीन दिनों तक हरेंद्र और हिमांशु के संयोजन में कला प्रदर्शनी भी आयोजित की गई है, जिसमें कई नवोदित कलाकारों की चित्रकला को प्रदर्शित किया गया। आयोजन समिति में रा.क.इ.का पौड़ी, एम.आई.सी.पौड़ी, बी.आर.एम.एस.पौड़ी, रा.इ.का पौड़ी, डी.ए.वी.पौड़ी, सेंट थॉमस स्कूल पौड़ी,शहर के कुछ युवा साथी शामिल थे।
आयोजन समिति ने सभी मेहमानों और जिलाधिकारी महोदय का धन्यवाद किया कि उन्होंने बच्चों को ऐसा मंच उपलब्ध कराया जो ना सिर्फ उनको ज्ञान प्राप्त करने में मददगार है बल्कि उनके भविष्य को संवारने में भी काम आएगा। कार्यक्रम को सफल बनने के लिए पौड़ी बाल फिल्म समिति आपको हार्दिक धन्यवाद देती है।