राजीव लोचन साह
निःसन्देह इक्कीसवीं सदी के भारत में नरेन्द्र मोदी सबसे चमत्कारी राजनेता हैं। उनसे असहमत हुआ जा सकता है, मगर इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता कि वे जो कुछ कहते हैं, वह तत्काल केन्द्रीय मुद्दा बन कर देश में चर्चा का विषय हो जाता है। दूसरी बार सत्ता में आने पर उन्होंने एक नया नारा दिया है, ‘वन नेशन, वन इलैक्शन’ और मीडिया की मेहरबानी से यह देश के सामने सबसे जरूरी मसला बन कर आ गया है। अभी-अभी सम्पन्न हुए लोकसभा चुनाव में गरीबी, बेरोजगारी, किसानों की आत्महत्यायें आदि सभी मुद्दे पुलवामा और बालाकोट के सामने बेमानी हो गये थे। जनता ने तय कर लिया कि वह भले ही गरीब और बेरोजगार रह जाये, अपने पड़ोसी राष्ट्र पाकिस्तान को नीचा दिखा कर ही मानेगी। इसी लहर पर सवार होकर नरेन्द्र मोदी पुनः सत्ता पर प्रतिष्ठित हो गये। अब चुनाव निपट गये हैं। मोदी जी की प्रधानमंत्री के रूप में एक नई पारी शुरू हो गई है। पाकिस्तान अपनी आन्तरिक समस्याओं से ही परेशान नहीं है, क्रिकेट के विश्व कप में पस्त होता भी दिखाई दे रहा है। मीडिया पर विश्वास करें तो भारत की जनता पाकिस्तान के इस दुर्भाग्य पर प्रसन्न है। मोदी जी चाहते तो अब गरीबी, बेरोजगारी, किसानों की आत्महत्यायें, पटरी से उतर चुकी अर्थव्यवस्था, भीड़ द्वारा निर्दोष मुसलमानों की हत्यायें आदि मामलों पर गौर कर सकते थे। लेकिन अब वे ‘वन नेशन, वन इलैक्शन’ के मुद्दे पर आ गये हैं। कोई ताज्जुब नहीं कि अगले कुछ महीने तक देश की जनता इसी बहस में मुब्तिला रहे कि लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ होने में ही देश का कल्याण निहित है। उससे सारी समस्याओं का समाधान हो जायेगा। यह मुद्दा अगर उबाऊ हो भी गया तो भाजपा का कल्पनाशील नेतृत्व ऐसा ही कोई और नया मुद्दा सामने ले आयेगा और नरेन्द्र मोदी अपने चमत्कारी अंदाज में उसे एक बार फिर से देश के लिये अनिवार्य बना देंगे। यह तय हो चुका है कि गरीबी और बेरोजगारी अब दुबारा समस्यायें नहीं बनने वाली हैं।
राजीव लोचन साह 15 अगस्त 1977 को हरीश पन्त और पवन राकेश के साथ ‘नैनीताल समाचार’ का प्रकाशन शुरू करने के बाद 42 साल से अनवरत् उसका सम्पादन कर रहे हैं। इतने ही लम्बे समय से उत्तराखंड के जनान्दोलनों में भी सक्रिय हैं।