गिरीश मेंदोला
रचनात्मक शिक्षक मण्डल उत्तराखण्ड की पहल पर आज हिंदी के वरिष्ठ कवि वीरेन डंगवाल के जन्मदिन पर उनकी स्मृति में नरसिंहपुर एरडा, हाथीडगर,रामनगर,नैनीताल में एक पुस्तकालय खोला।बेतालघाट डिग्री कालेज में हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ अधीर कुमार ने पुस्तकालय का विधिवत उद्घाटन किया।उन्होंने कहा कि वीरेन डंगवाल केअड़सठ बर्षीय जीवनकाल में तीन कविता संग्रह व तुर्की के क्रांतिकारी कवि नाजिम हिकमत की कविताओं के अनुवाद,अनेक लेख प्रकाशित हुए।उनकी कविताएं अंधेरे से लड़ने की राह दिखाती हैं।
उन्होंने कहा बच्चों के अंदर यदि पढ़ने की प्रवर्ति पैदा हो जाय तो वे कभी भी जीवन में असफल नही हो सकते। वीरेन डंगवाल की प्रसिद्ध कविता रामसिंह पर उन्होंने कहा यह कविता अपने क्रांतिकारी वक्तव्य के अलावा रामसिंह के फौजी जीवन के ब्यौरों के साथ पहाड़ के स्मृति बिम्बों को एक विरोधाभासी कथ्य संयोजन में रखने की वजह से भी याद की गई। इसी प्रकार उनकिंकविता पी टी उषा में वे क्रिकेट की सम्भ्रांतता के बर्बक्स एक दुबली पतली धावक पी टी उषा के खेल की अपेक्षाकृत निम्नवर्गीयता,उसके सामान्य चेहरे और सांवलेपन को उभरते हुए उसे मेरे गरीब देश की बेटी कह कर सम्बोधित करते हैं।
कार्यक्रम आयोजक नवेंदु मठपाल द्वारा वीरेन डंगवाल की कविताओं हाथी,मेरा बच्चा,उजले दिन जरूर आएंगे,पपीता,हमारा समाज,रामसिंह का सस्वर वाचन किया।वीरेन डंगवाल स्मृति पुस्तकालय में वीरेन डंगवाल की कविताओं के संग्रह के साथ साथ देश दुनिया का हिंदी में लिखा गया व अनुवाद किया गया बेहतरीन साहित्य मौजूद है।छोटे बच्चों के लिए नेशनल बुक ट्रस्ट व एकलव्य द्वारा प्रकाशित पुस्तकें विशेष आकर्षण का केंद्र हैं।
इसके अलावा प्रेमचंद ,शरदचंद चटोपाध्याय ,रविंद्र नाथ टैगोर जैसे साहित्यकारों की पुस्तकें मौजूद हैं।ए पी जे अब्दुल कलाम की जीवनी अग्नि की उड़ान है तो चकमक,अनुराग,चम्पक, बालभारती जैसी बच्चों की पत्रिकाएं हैं।1949 में बच्चों के लिए प्रकाशित होने वाली पत्रिका बालबोध भी है।
इस मौके पर गिरीश मैंदोला,डॉ नवीन चंद्रा,प्रेमराज,अनिल बिष्ट,,अरुण कुमार,समरजीत,कोमल कोर,सचिन कुमार,रीना,कपिल चंद्रा मौजूद रहे