नैनीताल समाचार डेस्क
ग्लेशियर फटा, निश्चय ही यह एक डरा देने वाली खबर है। पर खबर को थोड़ा ठीक से कहा जाए तो ग्लेशियर फटा नहीं बल्कि ग्लेशियर में बनी झील के टूटने से यह दुर्घटना हुई।
इस घटना ने रेणी से धौलीगंगा , विष्णुप्रयाग , जोशीमठ पीपलकोटी, चमोली, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग से देव प्रयाग, होते हुए हरिद्वार तक इस नदी के किनारे रहने वाले लोगों में दहशत पैदा कर दी। इस खबर की जानकारी देते हुए पीपलकोटी के आनंद पाल जी बताते हैं – गनीमत है ये घटना प्रातः 8:00 से 8:30 बजे के लगभग हुई, अगर रात में हुई होती तो शायद मौतों की संख्या बहुत ज्यादा होती।
नंदप्रयाग से पर्यावरणविद भूपेंद्र कंडारी जी बताते हैं कि लोगों ने खबर सुनते ही जरूरी सामान लेकर घरों को छोड़कर वहां से जाना प्रारंभ कर दिया परंतु जब पता चला कि खतरा टल गया है, तब अफरा-तफरी कम हुई और लोग अपने घरों को लौट आए। फिलहाल नंदप्रयाग में नदी का बहाव सामान्य है खतरे की कोई बात नहीं है।
ऋषि गंगा नदी की राह में ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट है, इस पावर प्रोजेक्ट को अत्यधिक क्षति पहुंची है। इस से ज्यादा गम्भीर बात यह है कि इस प्रोजेक्ट के लगभग 50 मजदूर लापता बताए जा रहे हैं। ऋषि गंगा नदी आगे चलकर धौलीगंगा में मिल जाती है। धौलीगंगा पर तपोवन पावर प्रोजेक्ट पर कार्य चल रहा था। इस प्रोजेक्ट के भी 100 लोग लापता बताए जा रहे हैं। अभी तक 3 लाशें बरामद हुई हैं।
विस्तृत रिपोर्ट आने का अभी इंतजार है। केदारनाथ आपदा के बाद से ही पर्यावरणविद और यहां की जनता ने कहना प्रारंभ कर दिया था कि यह पावर प्रोजेक्ट यहां के पर्यावरण के लिए और यहां के जनजीवन के लिए बहुत ही खतरनाक है लेकिन आज तक भी सरकारों ने इस पर ध्यान नहीं दिया है।
ग्लेशियरिस्ट डॉक्टर डी. पी. डोभाल (सेवानिवृत) का कहना है कि हो सकता है हिमस्खलन के कारण यह घटना हुई हो क्योंकि जो मलवा वीडियो में दिख रहा है उसमें मिट्टी की मात्रा बहुत जो हिमस्खलन में पाई जाती है परंतु अभी यह एक अनुमान ही है।
वाडिया हिमालय भूविज्ञान की टीम सोमवार को इस क्षेत्र का दौरा करेगी उसके बाद ही विस्तृत रिपोर्ट मिलने की उम्मीद है।
गनीमत है कि ग्लेशियर के टूटने से जो क्षति हुई वह रैणी से तपोवन तक ही हुई। निश्चित रूप से यह एक बहुत जबरदस्त दुर्घटना है और इसमें संभावित रूप से कई लोगों के प्राण भी चले गए पर यह कहना गलत नहीं होगा कि इस घटना ने इससे अधिक भयावह रूप धारण नहीं किया जिससे जान-माल का नुकसान थोड़ा कम हुआ पर इस दुर्घटना को भविष्य के लिए एक भयंकर चेतावनी के रूप में लिया जाना चाहिए।
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