हेम पाठक
जनपद पिथौरागढ़ के नगर पालिका गंगोलीहाट के अंतर्गत पूर्व में ग्राम हाट वर्तमान में वार्ड पठक्यूड़ा में स्थित ब्यालपाटा मैदान अब सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बन गया है ।इस मैदान में होने वाला कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव क्षेत्र का एक बड़ा सांस्कृतिक महोत्सव हो गया है जो पूर्व में आयोजित गंगावली महोत्सव या किसी शरदोत्सव जैसे कार्यक्रमों से अधिक ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है ।
हाट कला एवम सांस्कृतिक मंच द्वारा आयोजित 3 दिवसीय कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव गंगोलीहाट क्षेत्र में एक त्योहार की तरह प्रसिद्ध हो गया है जिसका सभी क्षेत्रवासियों को बड़ा इंतजार रहता है।
करोना काल के 2वर्षो तक आयोजन न हो पाने के कारण इस वर्ष लोगो ने अधिक बढ़ चढ़ कर महोत्सव में भागीदारी की।
गंगोलीहार ‘हाट कला एवम सांस्कृतिक मंच ‘ द्वारा जन्माष्टमी पर मटकी तोड़ प्रतियोगिता एपन ,मेंहदी, झोड़ा चांचरी जैसी प्रतियोगिताएं एवम स्थानीय कलाकारों ,स्कूली बच्चो ,उत्तराखंड के लोक कलाकारों के माध्यम से 3 दिनों तक क्षेत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम कराए जाते हैं।
इस महोत्सव का मुख्य आकर्षण मटकी तोड़ प्रतियोगिता रहती है जो उत्तराखंड में विरले ही स्थानों में होती है ,साथ ही झोड़ा चांचरी ऐपन, मेंहदी प्रतियोगिताओं में महिलाओं द्वारा बढ़ चढ़ कर भाग लिया जाता है। यूं कहे कि एक ही मंच में संगीत ,लोक कला ,आध्यात्म और मनोरंजन पेश कर ‘हाट कला एवम सांस्कृतिक मंच ‘ के युवाओं ने क्षेत्र में एक मिसाल पेश की है ।
अगर इसके उद्भव की बात करें तो गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि ये कार्यक्रम 90के दशक में हाट गांव वर्तमान नगर क्षेत्र के मध्य में स्थित ग्राम देवता हरुज्यु के मंदिर में जन्माष्टमी के रात में ठाकुर लाल, युगल किशोर साह,धीरज बिष्ट, राजेंद्र बिष्ट, संजय नेगी आदि संगीत का शौक रखने वाले युवाओं ने भजन कीर्तन से आरंभ किया,तत्पश्चात धीरेश बिष्ट, संजय सिंह, देवराज साह, शंकर लाल चौधरी आदि युवाओं ने कृष्ण का डोला बनाकर जन्माष्टमी पर गांव और हाट बाजार में निकालना आरंभ किया और ये कई सालो तक चला , 2004/05 से ये कुछ वर्षो तक बंद हो गया पर भगवत साह ने अपने साथियों के साथ पुनः ये कृष्ण का डोला बना परंपरा को आगे बढ़ाया। 2014में इसी गांव के युवक हेम पाठक द्वारा जमाष्ट्मी पर डोला आयोजन कर रही टीम के युवाओं से संपर्क कर मटकी तोड़ कार्यक्रम करने का सुझाव दिया पर लोगो ने मटकी जो की पहाड़ में नई परंपरा थी दुर्घटना होने आदि के डर से सकारात्मक एवम नकारात्मक सुझाव दिए, पर हेम पाठक, धीरज बिष्ट, भागवत साह आदि युवाओं ने मटकी तोड़ प्रतियोगिता कराई, जिसकी क्षेत्र के लोगों ने काफी सराहना की, क्योंकी ये पहाड़ में पहली बार ऐसा आयोजन हुआ था। तत्पश्चात 2 वर्षों तक मटकी कार्यक्रम में लोगों की भीड़ उमड़ने लगी तो हाट के सभी युवा और संस्कृति प्रेमी कार्यक्रम में मदद एवम प्रतिभाग करने लगे। ..2016 में बबलू पांडे, दिनेश बिष्ट, मुकुल साह आदि युवाओं ने इस कार्यक्रम में अस्थाई मंच निर्माण कर, अन्य सांस्कृतिक दलों को भी आमंत्रित किया। अध्यापक और कलाकार विजय खत्री ने मंच का नामकरण कर, कार्यकारिणी बनाने का सुझाव दिया एवम ‘हाट कला एवम सांस्कृतिक मंच ‘ नाम दिया तथा पी एल साह को कार्यकारिणी का अध्यक्ष बनाया गया। तब से लागतार मंच हर वर्ष इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संचालित कर रहा है। इसकी लोकप्रियता देखते हुए क्षेत्रीय विधायक मीना गंगोला ने स्थाई मंच का निर्माण कराया।इस वर्ष 2022 में वर्तमान अध्यक्ष धीरेंद्र बिष्ट द्वारा झोड़ा चांचरी के द्वारा महिलाओं को भी मंच से जोड़ा हैI उनका कहना है कि मंच का उद्देश्य , उत्तराखंड की विलुप्त हो रही ऐपन और झोड़ा चांचरी जैसी कलाओं को बचाना तथा लोक कलाकारों को मंच प्रदान करना है I
जन्माष्टमी महोत्सव में हाट गांव के युवाओं का जोश और प्रयास सराहनीय है। 3 दिन का यह भव्य कार्यक्रम केवल युवाओं की सोच और सहयोग का ही परिणाम है और इस जन्माष्टमी आयोजन पर हुए कार्यक्रम ने गंगोलीहाट क्षेत्र में अपनी एक विशिष्ठ पहचान बना ली है।