रेवती बिष्ट
दुनिया में कुछ लोग पैदाइशी महान होते हैं। ऐसे लोगों पर महानता थोपी नहीं जा सकती। कुछ लोग अपने कर्म से विशिष्ट बनते हैं। चन्दन घुघत्याल भी ऐसे ही व्यक्तियों में हैं, जिन्होंने लम्बे संघर्षों से सफलता हासिल की है।
ग्राम डुंगरी, स्यालदे (अल्मोgड़ा) के निवासी, पिता गुसाईं सिंह घुघत्याल एवं माता जसौदा घुघत्याल के घर चन्दन का जन्म 29 नवम्बर 1971 को हुआ था। दो कन्याओं के पिता चन्दन घुघत्याल ने गणित में एम.एससी.और इतिहास में एम.ए. करने के बाद बी.एड. किया। इनका पूरा परिवार शिक्षा क्षेत्र संलग्न है। चन्दन की पत्नी गंगा घुघत्याल भी शिक्षिका हैं। इनके दो भाई और दो भतीजे भी शिक्षक हैं।
सीधे-सादे व्यक्तित्व वाले चन्दन सिंह घुघत्याल से पहली मुलाकात हमारे घर पर हुई। सामान्य से थोड़ा लम्बे बाल रखने वाले घुघत्याल जी से बिष्ट जी ने मेरा परिचय करवाया। तब से चन्दन भाई का राखी, हरेला आदि सभी त्योहारों पर हमारे घर आना होता रहा है। चन्दन भाई बिष्ट जी को ‘सर’ कह कर ही सम्बोधित करते थे। वे अपने विद्यार्थियों को बहुत अच्छे मार्ग निर्देशन के साथ शिक्षा दे रहे हैं। अन्य बच्चों को भी वे गणित की बेहतरीन शिक्षा देकर उन्हें जीवन में उन्नति की ओर ले जा रहे हैं। आप में समाज सेवा, अनुशासित रहना आदि सभी गुण मौजूद हैं। घुघत्याल बिड़ला पब्लिक स्कूल पिलानी, ए.पी.एस. पिथौरागढ़, सिम्बोसिस संस्थान और चिन्मैया इन्टरनेशनल स्कूल, कोयम्बटूर में शिक्षक रहे। वर्तमान में विगत 12 वर्ष से वे दून स्कूल (देहरादून) में गणित के शिक्षक पद पर कार्यरत हैं। उन्हें वैदिक गणित में महारत हासिल है। वे बच्चों को ऑन लाइन शिक्षा के लिए भी प्रेरित करते रहे हैं और आपकी प्रेरणा से सभी को मार्गदर्शन प्राप्त होता है। बिष्ट जी को अपना प्रेरणा स्रोत मानते हुए आप जीवन में विनम्रता व समाज सेवा के संकल्प को अपनाते हुए जीवन में परिश्रम व संघर्ष के साथ अग्रसर रहे हैं। आपकी सफलता के लिए हम सब की शुभकामनाएं।
इस बार शिक्षा पर बेहतरीन कार्यों के लिये उन्हें यू.एन.डी.पी. के ‘गोलकीपर अवार्ड फॉर क्वालिटी एजुकेशन’ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कर कमलों द्वारा 11 जून 2022 को उन्हें उपरोक्त सम्मान से नवाजा गया।