कर्नाटक में पिछले बीस दिन में जो हुआ उससे हमारा संविधान ही शर्मशार हुआ है. पराजय तो वास्तव में संविधान निर्माताओं की मंशा की हुई है. अपने राजनैतिक अभियान में सफल-विफल दोनों पक्षों ने लोकतंत... Read more
केन्द्रीय और प्रान्तीय विधान सभाओं में चुनाव शान्तिपूर्वक सम्पन्न हो जाने के बाद भी नेपाल अनेक तरह की आशंकाओं से घिरा दिखलाई देता है। एमाले और माओवादियों के तत्काल विलय की संभावना न दिखाई... Read more
सम्भवतः इस बार संसद के शीतकालीन सत्र में ‘मुस्लिम वीमेन (प्रोटेक्शन आॅफ राइट्स आॅन मैरिज) बिल’ पारित होकर जल्दी ही कानून का रूप ले ले। इस कानून के लागू होने के बाद सरसरी तौर पर तीन बार तलाक-... Read more
चुनावों के खेल भी गजब होते हैं। लोकतंत्र में आदर्श रूप में हर निर्णय जनता की सहमति से लिया जाना चाहिये और चूँकि समूची जनता एक साथ राय-मशविरे के लिये नहीं बैठ सकती, इसलिये उसके द्वारा प्रतिनि... Read more
देश लगातार नाकामयाबियों, बल्कि विघटन की ओर जा रहा है और हम देशवासी हैं कि चैन की वंशी बजा रहे हैं। ऐसा क्यों ? ऐसा इसलिये क्योंकि हमारे दिमाग में यह भर दिया गया है कि जो कुछ हो रहा है, वह सब... Read more
‘आधार कार्ड’ को लेकर सरकार की भ्रम फैलाने की कोशिश जारी है। 24 अगस्त को निजता के अधिकार के बारे में सर्वोच्च न्यायालय की नौ सदस्यीय संविधान पीठ का सर्वसम्मत निर्णय आने के बाद सरकार के रवैये... Read more