रमेश मुमुक्षु एक समय था कि दिल्ली में सभी बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते थे। लेकिन कालांतर में सरकारों स्कूल पिछड़ते चले गए। निजी स्कूल की रफ्तार इतनी तेज हुई कि सरकारी स्कूल बन्द करने के कगार प... Read more
प्रमोद साह विश्व भूख सूचकांक में शामिल 117 देशों में इस वर्ष 30.3 अंक के साथ हमारा स्थान 102 है . यह बात एक राष्ट्र के रूप में हमें तिलमिलाने के लिए काफी है । बात तब और चिंताजनक हो जाती है ,... Read more
भारतीय-अमरीकी अर्थशास्त्री अभिजीत विनायक बनर्जी को इस साल का अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया है. यह पुरस्कार उन्हें उनकी पत्नी इश्तर डूफलो और माइकल क्रेमर के साथ संयुक्त रूप से दिया ग... Read more
अनिल अश्विन शर्मा आप गंगा नदी का स्वरूप बचाने के लिए 5वीं बार अनशन कर रहे। कब अहसास हुआ कि गंगा का स्वरूप बिगड़ रहा है? मुझे लगता है कि समय बीतने के साथ धीरे-धीरे गंगा के बारे में सरकार का,... Read more
मृगेश पांडे बृजेंद लाल साह के बहुचर्चित नाटक त्रिशंकु का एक संवाद याद आता है।……सुविधा, अवसर, समझौता, और तटस्थता। जो न चल सका इन चार रास्तों पर वह हो गया त्रिशंकु बन गया। 17 सितम्... Read more
रमेश कुमार मुमुक्षु जब कभी ग्रामीण विकास के विभिन्न आयामों की चर्चा होती है। ग्रामीण कुटीर उद्योग एवं स्थानीय संसाधन के समझदारी से उपयोग की बात होती है। पर्यावरण एवं प्राकृतिक जीवन की चर्चा... Read more
मुजफ्फरनगर नगर कांड उत्तराखंड राज्य की एक दुःखती रग है। राज्य आन्दोलन के दौरान ही नहीं, राज्य बन जाने के कई साल बाद तक हमारी पीढ़ी के आन्दोलनकारी यह कहते थे कि यदि मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों... Read more
विनीता यशस्वी 2 अक्टूबर 1994 का मुजफ्फरनगर कांड स्वाधीन भारत के इतिहास में एक कलंक है। ब्रिटिश शासन के दौरान हुए जलियाँवाला बाग के हत्याकांड से ही इसकी तुलना की जा सकती है। उस रोज एक पृथक रा... Read more
जितेन्द्र भट्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो बातों पर दाद हर किसी को देनी चाहिए। पहली, वो जबरदस्त भाषण देते हैं। दूसरा, वो कोई भी बात पूरे आत्मविश्वास के साथ कहते हैं। एक बड़े नेता ने कभी... Read more