बसंती पाठक
भिकियासैण 11सितंबर, जातीय हिंसा के शिकार दलित नेता जगदीश जिनका अपराध बस इतना था कि उसने एक सवर्ण लड़की से प्रेम किया और दोनों ने विवाह बंधन में बंध जाने का फैसला किया और इसी कारण लड़की के परिजनों ने विगत 1सितंबर को उसकी निर्ममता से हत्या कर दी। इस नृशंस हत्या का विरोध और हत्या कांड में आरोपित सभी आरोपियों की गिरफ्तारी और जगदीश की पत्नी गीता और जगदीश के परिवार के एक अन्य सदस्य को सरकारी नौकरी, इस हत्याकांड का मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने, पीड़ित परिवार की सुरक्षा आदि की मांगों को लेकर भिकियासैण में एक विशाल प्रदर्शन किया गया।
इस दिन पूरा भिकियासैण पूरी तरह बंद था सब्जी के खोमचे, चाय की दुकानों तक हर जगह ताले पड़े थे। बहुत बड़ी संख्या में लोग इस विरोध प्रदर्शन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए पहुंचे। लोग पिथौरागढ़,अल्मोड़ा,द्वाराहाट,रामनगर,रानीखेत, हल्द्वानी,नैनीताल आदि कई स्थानों से आए। इन सब के साथ स्थानीय लोगों की मजबूत मौजूदगी इस कार्यक्रम की खासियत रही।
जगदीश उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के सक्रिय सदस्य ही नहीं थे बल्कि दो बार इस पार्टी के टिकट पर विधायक का चुनाव लड़ चुके थे। इसलिए कार्यक्रम का आयोजन परिवर्तन पार्टी ने किया था।लेकिन ,प्रगतिशील महिला एकता मंच,वन संघर्ष समिति रामनगर,उत्तराखंड महिला मंच,उत्तराखंड छात्र संगठन,युवा एकता मंच,भीम आर्मी,संयुक्त किसान संघर्ष समिति ,इंकलाबी मजदूर केंद्र के साथ अनेक लोगों ने व्यक्तिगत तौर पर भागीदारी की।
भीम आर्मी के कुछ सदस्य इस बात को लेकर नाराज दिखे कि इस मौके का दलीय राजनीतीकरण हो रहा है लेकिन परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पी सी तिवारी के समझाने पर वे मान गए कि इस लड़ाई को किसी पार्टी के बैनर आदि से दूर रखा जा रहा है।
इस दौरान हुई सभा में वक्ताओं ने जातिवादी मानसिकता पर तीखे प्रहार किए। और इस बात पर अफसोस जताया कि बीजेपी की सरकार ही नहीं स्थानीय विधायक तक इस हत्याकांड के विरुद्ध अब तक कुछ भी नहीं बोले हैं। इस दौरान वक्ताओं में मृतक जगदीश के भाई और बहिन तथा अनेक स्थानीय और दूर दूर से आए भागीदारों ने अपनी बात रखी और जातिवादी मानसिकता की निंदा की और सवाल किया कि जब मृतक जगदीश ने अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस से गुहार लगाई थी तब भी पुलिस प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की।