दिग्विजय सिंह बिष्ट
23 मार्च को भगत सिंह के शहादत दिवस के रूप में पूरे देश में मनाए जाने की परम्परा रही है। इस वर्ष भी 23 मार्च को पूरे देश में शहीद भगत सिंह की स्मृति में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए । कुमांऊ के सांस्कृतिक शहर अल्मोड़ा में भी आयोजन हुए और अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप अल्मोड़ा में इस आयोजन की अभिव्यक्ति का माध्यम सांस्कृतिक था।
‘विहान ‘ सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था द्वारा दिनांक 23 मार्च 2022 सायं 6:00 बजे से गांधी पार्क चौघानपाटा, अल्मोड़ा में ‘शहीद दिवस ‘के मौके पर कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए । कार्यक्रम का प्रारम्भ शहीद भगत सिंह को याद करते हुए एक जनगीत से किया गया । इसके उपरान्त ‘ विहान ‘ द्वारा शहीद भगत सिंह के जीवन पर आधारित नाटक प्रस्तुत किया गया । नाटक में दिखाया गया कि कैसे एक छोटा से बच्चे को जब पता चलता है कि जलियांवाला बाग में ऐसी घटना घटित हुई है तो वही छोटा सा बच्चा 40 मील पैदल चलकर के जलियांवाला बाग पहुंचता है और वहां क्रांतिकारियों के खून से सनी हुई मिट्टी को अपने नन्हे से हाथों से उठा करके अपने घर लाकर उससे रोज तिलक करता है । इसी के साथ कहानी में महात्मा गांधी का असहयोग आंदोलन ,लाला लाजपत राय की मृत्यु ,दिल्ली असेंबली में ब्रिटिश हुकूमत के बहरे कानों तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए बम फोड़ने की घटना फिर भगत सिंह एवं उनके साथियों द्वारा खुद अपनी गिरफ्तारी देना ताकि पत्रकारों के माध्यम से दुनिया और देश की जनता तक अपनी आवाज पहुंचाई जा सके भगत सिंह को उम्र कैद फिर बाद में लाहौर की अदालत फासी की सजा तक ले जाने की ब्रिटिश हुकूमत के सारे षड्यंत्र और देश में क्रांति की लहर जो अपनी प्रचंड स्तर पर चल रही थी उस को बढ़ावा ना मिल सके इसके लिए 24 मार्च 1931तारीख की जगह 23 मार्च 1931 तारीख को भगत सिंह को रात के अंधेरे में लाहौर जेल के अंदर फांसी सारी घटना को कहानी के जरिए उजागर किया गया । इस नाट्य प्रस्तुति के लेखक और निर्देशक रहे भास्कर जोशी | जलियांवाला बाग पर आधारित इस नाटक का संगीत बिधौरी जी द्वारा तैयार किया गया है। जलियांवाला बाग की घटना के उपरान्त शोक संतप्त, नवीन बिष्ट द्वाराकुमाऊनी के चैती शैली गायन ने इस प्रस्तुति में चार चांद लगा दिए ।
इस नाट्य प्रस्तुति में वरिष्ठ रंगकर्मी रमेश लाल, मनमोहन चौधरी, ममता , वाणी भट्ट, संदीप नयाल , अमित बिधौरी , उमेश कुमार, पंकज कुमार ,अजय कुमार के साथ-साथ युवा रंगकर्मी निशा मेहरा , जगदीश तिवारी, इंदर गोस्वामी ,दिव्या जोशी , शुभंकर कांडपाल , रिया तिवारी ,अंजलि तिवारी , ईशा बिष्ट , रोहन कुमार, निर्मल मेहरा , गायत्री तिवारी ,अजय कुमार और मोनू नेगी शामिल रहे । कार्यक्रम के समापन से पूर्व सरफरोशी की तमन्ना ,मेरा रंग दे बसंती आदि जनगीत की प्रस्तुत किए गए ।