विनीता यशस्वी
18 सितम्बर 2023 को अंकिता हत्याकांड को पूरा एक साल हो गया है पर अभी तक भी अंकिता को न्याय नहीं मिला है। उसके माता-पिता अभी भी न्याय की आस लगाये हुए हैं। 18 सितम्बर 2022 को ऋषिकेश के वनंतरा रिसॉर्ट में रिसेप्सनिस्ट का काम करने वाली अंकिता की हत्या रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने अपने अन्य दो साथियों के साथ मिल के और कर दी थी। रिसॉर्ट का मालिक पुलकित आर्य अंकिता के ऊपर किसी वी.आई.पी. को ‘स्पेशल सर्विस’ देने का दबाव बना रहा था पर अंकिता इससे इंकार कर रही थी।
इस घटना से पूरे उत्तराखंड में उबाल आ गया और अपने-अपने स्तर पर सभी अंकिता को न्याय दिलाने के आंदोलन में शामिल हो गये। ‘उत्तराखंड महिला मंच’ ने एक फैक्ट फाइंडिंग टीम बनाकर अपनी रिपोर्ट भी प्रकाशित की। इस समय अंकिता का मुकदमा कोटद्वारा की जिला अदालत में चल रहा है पर अंकिता के माता-पिता अभी भी इस बात के लिये आश्वस्त नहीं हैं कि उनकी बेटी को न्याय मिल पायेगा।
अंकिता हत्याकांड का एक साल बीत जाने पर उत्तराखंड के कई स्थानों में अंकिता को श्रद्धांजलि दी गयी और सरकार से मांग की गयी की जिस वी.आई.पी. को स्पेशल सर्विस देने का दबाव अंकिता के ऊपर बनाया गया था उसके नाम का खुलासा किया जाये साथ ही रिसॉर्ट में आनन-फानन में बुल्डोजर चलवाने वाले के ऊपर भी आपराधिक मामला दर्ज होना चाहिये। अंकिता का परिवार इस समय घोर आर्थिक संकट के कारण बिखर गया है इसलिये अंकिता के भाई को उसकी योग्यतानुसार सरकारी नौकरी देने की मांग भी उठाई गयी। अंकिता की हत्या के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा की मांग भी सभी के द्वारा उठायी गयी है। अभी तक अंकिता के माता-पिता के साथ अन्य संगठन जो इस आंदोलन से जुड़े हैं वो सरकार द्वारा की जा रही कार्यवाही से संतुष्ट नहीं हैं। हालांकि कहने को तो सरकार ने राजकीय नर्सिंग कॉलेज डोभ (श्रीकोट) का नाम बदलकर अंकिता भंडारी के नाम पर रखने की बात कही है पर लोगों का कहना है कि इस पाखंड का कोई मतलब नहीं है। इससे बेहतर होगा कि सरकार अंकिता के हत्यारों को उचित दंड दिलवा दे यही अंकिता को असली श्रद्धांजलि होगी।
18 सितम्बर 2023 को उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में कई संगठनों एवं राजनैतिक पार्टियों द्वारा अंकिता को श्रद्धांजलि दी गयी। देहरादून में एक विशाल मशाल जुलूस निकाला गया जिसमें अंकिता की माँ भी शामिल हुई। श्रीनगर, पीपलचौरी में भी मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि दी गयी व एक जनसभा का आयोजन भी किया गया जिसमें अंकिता के पिता भी शामिल हुए।
कोटद्वारा में अंकिता को श्रद्धांजलि देने के साथ महिला अपराध पर आधारित फिल्म ‘पोथिल’ को भी दिखाया गया। नैनीताल में भी अंकिता को श्रद्धांजलि दी गयी और एक चर्चा भी की गयी जिसमें अभी तक अंकिता हत्याकांड में क्या कार्यवाही हुई हैं इसके बारे में बताया गया और साथ ही इस बात पर भी चर्चा हुई कि आगे आने वाले समय में भी कैसे मजबूती के साथ अंकिता को न्याय दिलाने की जंग जारी रखी जायेगी। चर्चा के बाद गांधी मूर्ति के पास मोमबत्ती जलाकर अंकिता को श्रद्धांजलि दी गयी।
इसके अलावा हल्द्वानी में भी मोमबत्ती जलाकर मार्च निकाला गया। रामनगर में भी अंकिता के लिये मोमबत्ती जलाकर न्याय की मांग की गयी। धूमाकोट, रुद्रपुर, खाड़ी, पौड़ी, टिहरी समेत कई जगहों में अंकिता को श्रद्धांजलि दी गयी।
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विजया सती
यह दुखद स्थिति है, अभी तक रहस्य बना हुआ है.