4 अक्टूबर 2021 को दरमोली क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा ‘दरमोली पुल बनाओ संघर्ष समिति’ के बैनर तले जिलाधिकारी नैनीताल को मुख्यमन्त्री को प्रेषित किये जाने हेतु एक ज्ञापन सौंपा गया। ग्रामीणों की मांग थी कि 2013 में प्रस्तावित पुल के निर्माण कार्य को पूरा किया जाये, क्योंकि इस पुल की अनुपस्थिति में गाड़ियों और पैदल चलने वालों को गधेरे से होकर गुजरना पड़ता है। इस कच्चे मार्ग में अनेकों बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। रोगियों और आकस्मिक आवश्यक्ताओें के लिये इस क्षेत्र के ग्रामीणों के पास कोई विकल्प नहीं है। परन्तु शासन-प्रशासन द्वारा आठ वर्ष से लम्बित इस छोटी सी परियोजना की सुध नहीं ली गई है।
क्वारब मोना मोटर मार्ग में इस पुल के निर्माण के बाबत आज भी एक बोर्ड लगा है। बोर्ड में लिखी इबारत के अनुसार 25 मी. स्पान वाले स्टील गर्डर पुल के निर्माण कार्य को अक्टूबर 2013 में प्रारम्भ होकर एक वर्ष उपरान्त अर्थात 2014 में पूर्ण भी हो जाना था। बोर्ड में ठेकेदार का नाम अंकित है दिनेश पाटनी। उपरोक्त ब्योरे से सुसज्जित बोर्ड वाला यह कार्य प्रारम्भ भी हुआ पर ठेकेदार द्वारा आमने-सामने के दो पिलर बनाए जाने के उपरान्त कार्य बन्द कर दिया गया। यह पिलर अब क्षतिग्रस्त भी हो चुके हैं। तब से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनने वाले उक्त मार्ग एवं पुल का निर्माण कार्य क्यों रोक दिया गया ? ठेकेदार कहाँ गया ? निर्माण कब प्रारम्भ होगा ? कुछ पता नहीं। ग्रामीणों द्वारा कई बार शासन-प्रशासन से गुहार लगाई जा चुकी है, पर कहीं कोई सुनवाई नहीं है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित इस परियोजना को क्यों रोक दिया गया ? संस्तुत धन का क्या हुआ ? यह तो पता नहीं लग पाया पर अब यह परियोजना लोक निर्माण विभाग, नैनीताल के निर्माण खंड के अधीन है। सुरेश चन्द्र (सहायक अभियन्ता, लोक निर्माण विभाग ) बताते हैं कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत निर्माणाधीन यह सड़क बूरी तरह क्षतिग्रस्त थी, अभी फिलहाल जेसीबी के द्वारा रोड़ी-मिट्टी डालकर इसे चलने लायक बनाया गया है। सहायक अभियन्ता के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 2 जनवरी 2021 को वन विभाग से संस्तुति, परियोजना की भूगर्भीय जाँच तथा सर्वे आदि के लिये प्रारम्भिक आगणन कर छः लाख रु. का प्रस्ताव सचिव लोक निर्माण विभाग के पास संस्तुति के लिये भेजा तो गया है पर दस माह उपरान्त भी इस प्रस्ताव पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। उनका कहना है कि इस संस्तुति के उपरान्त ही परियोजना पर आगे कार्य किया जा सकता है ।
छोटे से राज्य की डबल इन्जन सरकार से छोटे से पुल की उम्मीद लगाए ग्रामीणों को पता है कि मेगा बजट की 890 किमी. लम्बी चार धाम सड़क परियोजना का कार्य धड़ल्ले से चल रहा है।