विपिन
12 अक्टूबर 2023 को धर्मपुर ऑफ़िसर ट्रांजिट हॉस्टिल में गढ़वाल स्तर सम्मेलन शुरू हुआ. उक्त सम्मेलन में नफ़रत भरी राजनीति और स्थानीय जन मुद्दों के साथ लोकतंत्र की सुरक्षा पर सार्थक विमर्श किया गया. नागरिक संगठन सत्ता परिवर्तन में अपनी भूमिका को तय कर सकते हैं. अब एक स्वर में संगठित होने की आवश्कता है . मुख्य वक्ताओं में विभिन्न जन संगठनों के प्रतिनिधि – पीएसआई से रवि चोपड़ा, कमला पंत, उत्तराखण्ड महिला मंच, विजय भट्ट भारत ज्ञान विज्ञान, प्रो उमा भट्ट, इंद्रेश मैखुरी, भुवन पाठक, शंकर गोपाल, अजय जोशी, निकोलस, समीर भंडारी, त्रिलोचन, सुंदर थापा, बिजू नेगी हिन्द स्वराज मंच, ख़ुर्शीद जी, याकूब भाई आदि शामिल रहे.
वक्ताओं ने मौजूदा समय में जारी तानाशाही और स्थानीय जन मुद्दों की तरफ़ सबका ध्यान आकर्षित किया. संवाद के दौरान एक स्वर में सबने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में जन आक्रोश को बीजेपी के ख़िलाफ़ वोट में तब्दील करना होगा. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की शानदार सफलता के पीछे जन आंदोलन, बूथ स्तर मैनेजमेंट प्रमुख रहा. वक्ताओं ने उत्साहित स्वरों में व्यक्त किया कि उत्तराखण्ड में भी बीजेपी को हराया जा सकता है इसके लिए सामाजिक सौहार्दय और एकता की ज़रूरत है.
बीजेपी ने देश में सामाजिक समरसता को नुक़सान पहुँचाया है. इसे देशभर में हो रही सांप्रदायिक घटनाओं से समझा जा सकता है. रोजगार कम हुवे हैं, भ्रष्टाचार चरम पर है. नशे का कारोबार बढ़ा है, स्वतंत्र और वैकल्पिक मीडिया के पीछे सरकार हाथ धो कर पड़ी है. धार्मिक उन्माद बढ़ रहा है जो आने वाले भविष्य के लिए भयावह है.
उत्तराखण्ड के ज़मीनी मुद्दों की हालत भी ठीक नहीं है. जल, जंगल और ज़मीन पर कंपनी राज क़ायम हो रहा है, सरकारी संस्थाओं का निजीकरण किया जा रहा है, शिक्षा, स्वास्थ, रोज़गार की हालत बद से बदत्तर हो रही है. ऐसे में उदारवादी संगठनों को एक साथ आना होगा. मज़दूर, किसान, अल्पसंख्यक, बेरोज़गार, महिलाएँ सभी को संयुक्त होकर लड़ना होगा.
राजनीतिक माहौल बलदने के लिए अब सीधे जनता के बीच जाना होगा आदर्शवादी तरीक़े से चीजों पर सोचना छोड़ना होगा. इंडिया गठबंधन जीत भी जाये तो भी सामाजिक दबाव को सरकार के सामने बनाए रखना होगा. बीजेपी को हटाकर इंडिया गठबंधन को जिताना होगा इस बात पर सभी की सहमति बनी. राज्य स्तर पर एक संयुक्त घोषणा पत्र बनाने पर सहमति बनी. राज्य में 11500 बूथ हैं इन बूथों पर बहुत मेहनत करनी होगी. जनता के आक्रोश को वोट में बदलने की तैयारी में अभी से जुटना होगा. अब वक्त आ गया है कि मिलजुलकर ट्रोल आर्मी के सामने ट्र्यू आर्मी खड़ी करनी होगी. उत्तराखण्ड में बूथ स्तर पर काम करने से उत्तराखण्ड की 5 सीटों में बीजेपी को हराया जा सकता है, नागरिक संगठन यदि पूरी शक्ति से सड़क पर आ जाये तो संभव है कि इंडिया जीतेगी और नफ़रत हारेगी. उत्तराखण्ड स्तर पर वकीलों की भी ज़रूरत पड़ेगी जो जानता के मुद्दों को कोर्ट तक ले जाएँगे. 56 वकीलों का एक समूह चाहिये जो जन मुद्दों की पैरवी करेगा.
बूथ लेवल मैनेजमेंट पूरी प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा होगा .
1 वोटर लिस्ट अपडेट
2 सोशल मीडिया का समुचित उपयोग
3 समुदाय स्तर पर संवाद करना
4 पोलिंग बूथ मैपिंग करना
दिसंबर प्रथम सप्ताह में राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा जिसने जन संगठन, स्वतंत्र पत्रकार, नागरिक संगठन, इंडिया गठबंधन के दलों को शामिल किया जाएगा. अभियान से जुड़े सामूहिक फ़ैसले कौसानी में बनी कोर कमेटी के द्वारा लिये जाएँगे . राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय करना होगा ताकि मिलजुलकर गठबंधन सही दिशा में काम कर सके. उत्तराखण्ड में दस हज़ार स्वयं सेवी खड़े करने होंगे. उत्तराखण्ड में नागरिक समाज की और से एक घोषणा पत्र जारी करना होगा.
उत्तराखण्ड से ड्राफ़्टिंग कमेटी में शामिल सदस्य – रवि चोपड़ा, अजय जोशी, शंकर गोपाल, बिजू नेगी, डा लता, एडवोकेट अंजू, भूपेन सिंह, विपिन जोशी, ख़स्टी बिष्ट, प्रो उमा भट्ट, एन एन पांडे, चंद्रा भंडारी, निकोलस तिवारी, इरा, सुंदर सिंह चौहान. ड्राफ़्टिंग कमेटी का संयोजन अजय जोशी करेंगे .