समाचार डेस्क
हल्द्वानी, दमुवाढूंगा में 1 .6 .2022 से ‘ निर्मल दर्शन ‘ नाम से एक नशा मुक्ति केंद्र ने कार्य करना प्रारम्भ कर दिया है। चिपको, नशा नहीं रोजगार दो और उत्तराखंड राज्य आन्दोलन में सक्रिय रहे निर्मल जोशी को समर्पित यह नशा मुक्ति केंद्र उनके पुत्र संकल्प जोशी द्वारा प्रारम्भ किया गया है। अभी इस केन्द्र में 40 बैड की सुविधा है इसे बढ़ा कर 100 बैड तक किए जाने की योजना है। इस केन्द्र में नशे से मुक्त होने के लिए आए लोगों के लिए नृत्य, संगीत, थिएटर आदि सीखने की सुविधा भी उपल्ब्ध है। नशे से मुक्त होने के उपरान्त उनके पुनर्वास की योजना भी इस केन्द्र का उद्देश्य है।
इस केन्द्र को प्रारम्भ करने वाले युवक, संकल्प जोशी बताते हैं कि वह खुद नशे के शिकार थे। जब वह इससे मुक्त हुए तो उन्होंने नशे के खिलाफ समाज के प्रति अपने कर्तव्य को समझते हुए इस नशा मुक्ति केंद्र को स्थापित करने की ठान ली । उन्होंने बताया कि उनका पूरा स्टाफ पूर्व में नशे का एडिक्ट रह चुकने की पीड़ा से गुजर चुका है।
‘निर्मल दर्शन ‘ के उदघाटन में बतौर मुख्य अतिथि सेवानिवृत जज प्रफुल्ल चन्द्र पन्त ने अपने वक्तव्य में नशे के विभिन्न चरणों का विस्तार से वर्णन करते हुए इसकी कानूनी स्थिति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने पहाड़ में शराब ने जो बूरा हाल किया है उस पर अपनी चिन्ता व्यक्त की।
हल्द्वानी के मेयर जोगेन्द्र सिंह रौतेला ने नशे के मजबूत सिन्डीकेट का जिक्र करते हुए सख्त कानून की आवश्यकता पर बल दिया।
अल्मोड़ा से आए गोपाल जीना जी बच्चों को नशे की लत लगने का जिम्मेदार अभिभावकों को माना।
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पी.सी. तिवारी ने कहा कि निर्मल और हम एक ही अभियान का हिस्सा हैं इसलिए उनके लिए यह एक बहुत बड़ा खुशी का दिन है । उनका प्रश्न था कि चुनाव में बोतल और मुर्गा कौन पकड़ाता है ? उनका कहना था कि नशा जाति सम्प्रदाय, हिन्दू मुसलमान नहीं देखता । इसलिए नशे के व्यापार करने वालों को राष्ट्रद्रोह की सजा मिलनी चाहिए क्योंकि ये पूरे देश को खोखला कर रहे हैं।
प्रोफेसर अतुल जोशी ने पूरे परिवार की ओर से धन्यवाद दिया।
अन्त में एडवोकेट पुष्पा जोशी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए 1984 के ‘नशा नहीं रोजगार दो ‘ आन्दोलन को याद किया, इस आन्दोलन में निर्मल के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि 16 वर्ष उन्होंने अपने पुत्र संकल्प को रोज मौत के मुंह में देखा । जिस तरह मेवाड़ी जी और जीना जी की मदद से मेरा पुत्र नशे की लत से मुक्त हुआ उसी तरह यह निर्मल दर्शन मुक्ति केन्द्र भी यदि एक भी माँ के आंसू पोछने में सफल रहा तो वह समझेंगी कि यह केन्द्र अपने उद्देश्य में सफल रहा।