अजयमित्र बिष्ट
स्मृतियों में वे दिन याद आने लगते हैं जब माल रोड पर सुबह-सुबह ही लोग बातें करते हुए घूमने निकल पड़ते थे उनमें हम भी शामिल होते , जब हम अपने पालतू कालू को लेकर घूमने निकल पड़ते और बब्बा के एक हाथ में रेडियो जिसमें बीबीसी हिंदी रेडियो का प्रसारण और दूसरे में कालू की जंजीर। जाड़ों की सर्द सुबह – सवेरे ही बरामदे से देखने पर दो छोटे बच्चे अपने दादाजी के साथ जाते हुए दिखते उनके हाथों में बैडमिंटन रैकेट होता था। आज बैडमिंटन में ऊंचाइयां छूने पर पता लगा कि वही लक्ष्य सेन व चिराग सेन दोनों भाई हैं, उस समय हम सोचते थे कैसे इतनी जल्दी ठंडे में, पाले में यह बच्चे चले जा रहे हैं आगे बढ़ते हुए ठंड , गर्मी सहन करते हुए अपनी मंजिल के लिए संघर्ष करते हुए बड़े चले जा रहे हैं कदम। इनके दादा जी स्वर्गीय सी एल सेन खिलाड़ी रहे जिन्हें बैडमिंटन का भीष्म पितामह भी कहा जाता है और इनके पिताजी श्री डी के सेन प्रसिद्ध खिलाड़ी कोच हैं। माता श्रीमती निर्मला सेन ग्रहणी होते हुए बच्चों की प्रेरणा स्रोत रही हैं अपने परिवार के सहयोग से ही यह बच्चे आज अपना नाम रोशन कर रहे हैं परिवार के साथ ही अल्मोड़ा शहर का भी नाम आज दुनिया के देशों में आ रहा है जिस पर सभी अल्मोड़ा वासियों को भी गर्व होना स्वभाविक है और सभी को इन पर गर्व है। लक्ष्य सेन ने विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में प्रवेश किया पहली बार इस टूर्नामेंट में खेल रहे अल्मोड़ा के लक्ष्य सेन 20 वर्षीय ने हमवतन एच.एस.प्रणय को 1 घंटे तक चले मुकाबले में 14-21, 21 -9, 21-14 से पराजित किया। लक्ष्य का अगला मुकाबला मलेशिया के नग तेज यौंग से हुआ. जिन्होंने आयरलैंड के नहाट नुगवेन को 1 घंटे 9 मिनट में 9-21, 21-8, 21-16 से बाहर का रास्ता दिखाया. विश्व चैंपियन लोह किन को मात्र ३३ मिनट में,रूस के सर गई को 21-16, 21-13 से हराकर अंतिम चार में पहुंचे. सात्विक व चिराग की जोड़ी भी सेमीफाइनल में पहुंची।
बताते चलें कि लक्ष्य सेन के दादा सी एल सेन ने कुछ दशक पहले अल्मोड़ा में बैडमिंटन की शुरुआत की थी और आज एक से एक खिलाड़ी अल्मोड़ा से निकलकर देश और दुनिया के पटल पर छा रहे हैं.लक्ष्य का अगला लक्ष्य ऑल इंग्लैंड टूर्नामेंट है जो मार्च में होना है, लक्ष्य के पिता श्री डीके सेन बताते हैं एक बार इन्हे प्रकाश पादुकोण अकादमी ले गए तो वहां पर कहने लगा मैं भी खेलूंगा तब प्रकाश ने पूछा छोटू क्या पूछ रहा है? तो मैंने कहा खेलने के लिए कह रहा है इसके बाद उन्होंने लक्ष्य को कोर्ट पर जाने के लिए कहा उसका खेल देखकर उस समय पादुकोण ने कहा था कि इस पर मेहनत करो और आज हम देख रहे हैं नतीजा सामने है.लक्ष्य की मां निर्मला भी बेटे की कामयाबी से काफी खुश हैं उनसे जब लक्ष्य की बचपन की शैतानीयों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि दोनों भाई लक्ष्य और चिराग काफी सीधे थे ,कभी परेशान नहीं किया हालांकि पढ़ाई और प्रैक्टिस के बीच शैतानी के लिए दोनों को वक्त ही नहीं मिला. श्री डी. के. सेन ने कहा कि बेटे की सफलता के लिए काफी उत्साहित हूं लेकिन अभी उसे बहुत लंबा सफर तय करना है उसके लिए यह शुरुआत है और अच्छी बात है कि लक्ष्य इस बात को बेहतर समझता है फिलहाल उसका फोकस अपनी रैंकिंग को और बेहतर करने पर है वर्तमान में उसकी 17 वी रेंकिंग है. मालूम हो कि लक्ष्य ने 2018 में जूनियर एशियन चैंपियनशिप अपने नाम की थी उन्होंने अपना पहला वर्ल्ड टाइटल जीता है, पिछले महीने में वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था.
अपना पहला टाइटल जीतकर अपने इरादे जाहिर कर सिंगापुर के खिलाड़ी लोह केन यू को 24-22, 21-17 के अंतर से शिकस्त देकर खिताब अपने नाम किया. लक्ष्य को अपने लक्ष्य तक पहुंचाने में उनके पिता ने दिन-रात एक कर दिया. उन्होंने अपने दोनों बेटो को बेहतर बैडमिंटन खिलाड़ी बनाने के लिए अल्मोड़ा तक छोड़ दिया और बेंगलुरु चले गए हालांकि उनका रिश्ता अल्मोड़ा से अब भी वैसा ही है और हाल ही में लक्ष्य ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता तो पूरा परिवार यहां आया और शहर वासियों ने उनका जोरदार स्वागत किया. तीन जीत है लक्ष्य के लोह केन यू पर पांच मुकाबलों में, चौथे भारतीय शटलर है लक्ष्य यह ट्रॉफी जीतने वाले.तीन सुपर सीरीज करियर का दसवां किताब है सेन का.
लक्ष्य की सफलता से गदगद श्री डी के सेन ने बातचीत में बताया कि जिन लोगों ने लक्ष्य को आगे बढ़ाने में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से सहयोग किया है वह उन सभी का आभार जताते हैं उन्होंने खासतौर पर बैडमिंटन खिलाड़ी और कोच प्रकाश पादुकोण, विमल कुमार का आभार जताया. लक्ष्य की माता श्रीमती निर्मला ने भी सभी को बधाई दी.लक्ष्य सेन विपरीत परिस्थितियों में टूर्नामेंट के आयोजन से खुश हैं.इंडिया ओपन खिताब उनका पहला सुपर 500 और सबसे बड़ा पुरस्कार है. 2019 में डच ओपन में सारलोर लक्स में दो सुपर 100 खिताबी जीत हैं. इसी साल बेल्जियम , स्कॉटलैंड और बांग्लादेश में 3 इंटरनेशनल चैंपियनशिप का खिताब भी जीता है. इंडियन चैंपियन की नवीनतम रैंकिंग में चार पायदान की छलांग लगाकर कैरियर की सर्वश्रेष्ठ 13वी रैंकिंग पर पहुंच गए हैं.अल्मोड़ा के 20 वर्षीय लक्ष्य के 66470 अंक हो गए हैं फाइनल में लक्ष्य से हारने वाले विश्व चैंपियन विक्टर मक्सलेसन शीर्ष पर हैं. श्रीकांत दसवें स्थान पर हैं. लक्ष्य सेन ने ओपन बैडमिंटन में पुरुष एकल का खिताब जीत लिया उनके साथ ही सात्विक, साईराज, रांका रेड्डी और चिराग शेट्टी ने भी पुरुष युगल खिताब जीत लिया. लक्ष्य पुरुष एकल फाइनल में विश्व चैंपियन सिंगापुर के लोह केन यू पर शानदार जीत के साथ विजेता बने. पिछले महीने स्पेन में कांस्य पदक जीतने वाले लक्ष्य सेन ने 54 मिनट चले फाइनल में पांचवीं वरीयता सटलर को 24-22, 21-17 से हराया. यह 20 साल के इस भारतीय खिलाड़ी का सुपर 500 स्तर की प्रतियोगिता का पहला खिताब है. सेन ने लोह के साथ हुए मुकाबले में भी दो मैच जीते.
इससे पहले सात्विक और चिराग की जोड़ी तीन बार विश्व चैंपियन इंडोनेशिया के मोहम्मद अहसान और शेयतिवान की जोड़ी पर जीत दर्ज कर इंडिया ओपन जीतने वाली पहली जोड़ी बनी. लक्ष्य सेन को प्रसिद्ध क्रिकेट कप्तान सुनील गावस्कर ने भी हार्दिक शुभकामनाएं दी , मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने 27 दिसंबर को उनके आवास पर मुख्य भेंट कक्ष में भारत के बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य को सम्मानित कर उन्हें 15 लाख की धनराशि का चेक भेंट किया. उन्होंने ने कहा की लक्ष्य सेन ने पदक जीतकर देश और प्रदेश उत्तराखंड का नाम रोशन किया है उन्होंने कहा खिलाड़ियों को अपनी मेहनत, मनोयोग एवं संकल्प के साथ मैदान जीतकर आसमान छूने के लिए प्रयत्नशील बनना होगा. लक्ष्य सेन का अल्मोड़ा में भी भव्य स्वागत करते हुए अनेक संगठनों ने बधाई देते हुए प्रदेश व देश का नाम ऊंचा करने पर खुशी मनाई, हम सभी कि उन्हें शुभकामनाएं प्रेषित हैं।